क्या एनसीपी-एसपी पार्टी के नेताओं ने पीएम मोदी के न्यूक्लियर ब्लैकमेल पर संदेश की प्रशंसा की?

सारांश
Key Takeaways
- एनसीपी-शरद गुट के नेता ने पीएम मोदी के संदेश की सराहना की।
- भारतीय सेना की मजबूती पर जोर दिया गया।
- 'टैरिफ बम' पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- संजय राउत ने पंडित नेहरू का योगदान बताया।
- भाषणों से अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण पर महाराष्ट्र के विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है। एनसीपी-शरद गुट के नेता शशिकांत शिंदे ने 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी के उत्तर की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की सेना दृढ़ता से खड़ी है। 'न्यूक्लियर धमकी' पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संदेश को उन्होंने सकारात्मक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी के 'खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा' वाले बयान पर शशिकांत शिंदे ने कहा कि हमारे द्वारा बहाया गया खून हमारी गलती नहीं है। खून बहने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री को कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में भारत पर कोई आतंकी हमला न हो। केवल भाषणों से कुछ नहीं होगा।
'टैरिफ' के मुद्दे पर शशिकांत शिंदे ने कहा कि 'टैरिफ बम' अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा में ताकत दिखाने का एक साधन बन गया है। पहले युद्ध केवल हथियारों से होते थे, लेकिन अब व्यापार में भी युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। इसे गंभीरता से लेने और समाधान खोजने की जरूरत है, जैसे 'ऑपरेशन सिंदूर' में एकजुट होकर कदम उठाए गए थे। सरकार और देश को मिलकर इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए।
हालांकि, शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'आधुनिक भारत' का श्रेय कांग्रेस और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब देश में एक सुई तक नहीं बनती थी। अब भारत अंतरिक्ष तक पहुंच चुका है। यह पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के दृष्टिकोण के कारण संभव हुआ है।"
पीएम मोदी के 'स्वदेशी (आत्मनिर्भर भारत)' के आह्वान पर भी संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 'स्वदेशी' का नारा पंडित नेहरू का था। देश का आधुनिक होना, यह पंडित नेहरू की देन है।