क्या एनसीआर में हवा ‘जहर’ बन गई है: दिल्ली–नोएडा–गाजियाबाद में एक्यूआई 400 के पार, अस्पतालों में बढ़े मरीज?

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क्या एनसीआर में हवा ‘जहर’ बन गई है: दिल्ली–नोएडा–गाजियाबाद में एक्यूआई 400 के पार, अस्पतालों में बढ़े मरीज?

सारांश

एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर को पार कर गया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, और विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गई है। क्या लोग इस बढ़ते प्रदूषण से सुरक्षित रह पाएंगे?

Key Takeaways

  • एक्यूआई खतरनाक स्तर पर है।
  • अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गया है।
  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त निगरानी की जा रही है।
  • हवा की रफ्तार और बारिश पर सुधार निर्भर करेगा।

नोएडा, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने एक बार फिर से खतरनाक स्तर को पार कर लिया है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लगभग सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की जा रही है।

कई स्थानों पर एक्यूआई 350 से 400 के बीच पहुंच गया है, जबकि कुछ स्थानों पर यह 400 के भी पार निकल चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक लगभग हर दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में बनी हुई है।

नोएडा के सेक्टर 125, 62 और 116 पर एक्यूआई क्रमशः 381, 308 और 369 दर्ज किया गया है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क–III और नॉलेज पार्क–V में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां सूचकांक 304 और 358 के आसपास रहा।

गाज़ियाबाद का हाल तो और भी खराब रहा—लोनी में एक्यूआई 403 तक पहुंच गया, जबकि इंदिरापुरम और संजय नगर में भी सूचकांक 300 के ऊपर दर्ज किया गया। दिल्ली के कई इलाकों—मुनडका, नजफगढ़, नेहरू नगर, ओखला, पंजाबी बाग और पटपड़गंज—में एक्यूआई 340 से 380 तक रिकॉर्ड किया गया है। यह स्तर सीधे तौर पर ‘स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा’ माना जाता है।

उधर, मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। तापमान में भी खास बदलाव नहीं होगा और सुबह का कोहरा बना रहेगा। 6 दिसंबर से 11 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान 10–12 डिग्री के बीच और अधिकतम तापमान 23–24 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।

हवा की रफ्तार कम होने और प्रदूषक कणों के ऊपर उठने की क्षमता घटने के कारण स्मॉग की स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। अस्पतालों में आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के बढ़े मामलों की रिपोर्ट की जा रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों के लिए यह समय बेहद जोखिमभरा है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लोग सुबह–शाम बाहर निकलने से बचें। प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों ने निर्माण कार्यों, कचरा जलाने और धूल फैलाने वाली गतिविधियों पर सख्त निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन वायु गुणवत्ता में सुधार तभी संभव होगा जब हवा की रफ्तार बढ़े या बारिश जैसी कोई मौसमीय घटना हो। तब तक एनसीआर की हवा ‘जहरीली’ बनी रहने की पूरी संभावना है।

Point of View

वह बेहद गंभीर है। ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक इतना ऊँचा क्यों है?
प्रदूषण, निर्माण कार्य, और वाहनों की संख्या में वृद्धि के कारण एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ रहा है।
क्या हमें बाहर जाने से बचना चाहिए?
विशेषज्ञों की सलाह है कि लोगों को सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचना चाहिए।
इस प्रदूषण से स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है?
यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, जिससे आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
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