क्या एनडीए वास्तव में मजबूत और एकजुट है? पीएम मोदी और सीएम नीतीश की तस्वीर का क्या महत्व है?

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क्या एनडीए वास्तव में मजबूत और एकजुट है? पीएम मोदी और सीएम नीतीश की तस्वीर का क्या महत्व है?

सारांश

बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि पीएम मोदी और सीएम नीतीश की तस्वीर का एक साथ होना एनडीए की एकजुटता को दर्शाता है। उन्होंने विपक्ष के कमज़ोर होने का भी जिक्र किया। जानिए इस पर उनका क्या कहना है और बिहार की राजनीतिक स्थिति कैसे बदल रही है।

Key Takeaways

  • एनडीए की एकजुटता चुनावी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पीएम मोदी और सीएम नीतीश की तस्वीर का होना स्वाभाविक है।
  • विपक्ष की प्रतिक्रिया चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाती है।
  • अल्पसंख्यकों के लिए कोई खतरा नहीं है, नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया है।
  • बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल एकजुट हैं।

पटना, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जदयू कार्यालय में लगे पोस्टरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साथ में लगी तस्वीर को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। हम सभी एनडीए में हैं, सभी एकजुट हैं। ऐसे में इसमें नया खोजने की कोई आवश्यकता नहीं है।

जदयू प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार में शामिल होने आए बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एनडीए में भाजपा, जदयू समेत अन्य तीन दल मजबूती के साथ एकसाथ हैं। इसलिए पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर लगना स्वाभाविक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो बातें पहले हुई थीं, उस पर मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं कि पिछली बातें भूल जाइए। वर्तमान में एनडीए पूर्णरूप से एकजुट है, और यही कारण है कि विपक्ष हतोत्साहित है।

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी और सीएम की तस्वीर पूरे बिहार में लगी हुई है। बिहार की जनता के दिलों में दोनों की तस्वीर साथ में है। इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है। मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि कोई सही मतदाता छूटे नहीं और कोई गलत मतदाता जुड़े नहीं, इसमें सभी को आश्वस्त हो जाना चाहिए। वे समय भी दे रहे हैं, यदि उस समय तक किसी तरह की कमी रह जाएगी तब कुछ चुनाव आयोग से अनुरोध किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि यह एक प्रथा है जो चुनाव आयोग करता रहा है। इसमें सभी राजनीतिक दलों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि राजनीतिक दल सशंकित क्यों हैं? राजद नेता तेजस्वी यादव के सरकार बनने पर वक्फ संशोधन कानून को कूड़ेदान में फेंके जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि वे अभी भी ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अल्पसंख्यकों को आश्वस्त किया है कि किसी को भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है। इसमें सभी का ख्याल रखा गया है।

विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ये नीतीश कुमार के 20 साल के शासन की विशेषता रही है कि सभी अल्पसंख्यक बिहार में सुरक्षित महसूस करते हैं। विपक्ष के लोग घड़ियाली आंसू बहाकर वोट का जुगाड़ करते हैं। उनकी नजर केवल चुनाव पर है। उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक दल कह चुके हैं कि इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब इसके बाद और क्या कहा जाए?

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में एनडीए की मजबूती और एकजुटता की चर्चा महत्वपूर्ण है। विजय चौधरी का बयान इस बात को दर्शाता है कि सभी दलों के बीच समन्वय बना हुआ है। हालांकि, विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ भी किसी से छुपी नहीं हैं। एक स्वस्थ लोकतंत्र में, सभी पक्षों को अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या एनडीए का एकजुट होना महत्वपूर्ण है?
हां, एनडीए का एकजुट होना चुनावी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विपक्ष को कमजोर करता है।
विपक्ष के विरोध का कारण क्या है?
विपक्ष का विरोध मतदाता पुनरीक्षण और अन्य मुद्दों पर केंद्रित है, जो उन्हें लगता है कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।