क्या उज्जायी प्राणायाम से शरीर की ऊर्जा और दिमाग की शक्ति बढ़ाई जा सकती है?

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क्या उज्जायी प्राणायाम से शरीर की ऊर्जा और दिमाग की शक्ति बढ़ाई जा सकती है?

सारांश

आज की तेज़ और भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और चिंता का सामना करने के लिए उज्जायी प्राणायाम एक प्रभावी उपाय है। जानें इसके लाभ और कैसे यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

Key Takeaways

  • उज्जायी प्राणायाम से तनाव कम होता है।
  • यह पाचन में सुधार करता है।
  • दिल की सेहत के लिए लाभकारी है।
  • यह नींद में सुधार लाता है।
  • शारीरिक ऊर्जा बढ़ाता है।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज के तेज़ भागदौड़ भरे जीवन में तनाव, चिंता, और अनियमित दिनचर्या के कारण हमारे शरीर और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यदि हम योग और प्राणायाम से अपने दिन की शुरुआत करें, तो हम खुद को स्वस्थ और शांत रख सकते हैं। उज्जायी प्राणायाम को विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। 'उज्जायी' का अर्थ है 'विजयी' या 'विजय प्राप्त करने वाला'। यह संस्कृत के 'उद्' और 'जि' से बना है, जहाँ 'उद्' का अर्थ है ऊपर उठना या बंधन से मुक्त होना, और 'जि' का मतलब विजय प्राप्त करना है। 'प्राणायाम' का अर्थ है 'सांसों का नियंत्रित अभ्यास'। यह प्राणायाम हमारे आत्मविश्वास और ताकत को बढ़ाने में मदद करता है, इसलिए इसे 'विजयी श्वास' भी कहा जाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, उज्जायी प्राणायाम करने से दिमाग की शांति बढ़ती है। जब आप गले से हल्की आवाज के साथ धीरे-धीरे सांस लेते हैं, तो आपका ध्यान अपने आप सांस पर केंद्रित हो जाता है। इससे विचार भटकते नहीं हैं और सोचने-समझने की क्षमता में इजाफा होता है। यह पाचन में सुधार लाने में भी मदद करता है। यदि आपको गैस, अपच, या कब्ज जैसी समस्याएँ हैं, तो उज्जायी प्राणायाम आपकी सहायता कर सकता है। गहरी सांस लेने से पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है।

दिल की सेहत के लिए भी उज्जायी प्राणायाम अत्यधिक लाभकारी है। इस प्राणायाम के दौरान साँस की गति धीमी हो जाती है, जिससे दिल पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। यह हृदय की धड़कन को सामान्य बनाए रखता है और रक्तचाप को संतुलित करता है। उच्च रक्तचाप या तनाव से ग्रस्त लोगों के लिए यह अभ्यास विशेष रूप से लाभकारी है। लेकिन यदि आपको कोई हृदय रोग है, तो इस अभ्यास को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

यह गले और फेफड़ों के लिए भी फायदेमंद है। उज्जायी प्राणायाम गले में जमे बलगम को साफ करता है। धीरे-धीरे सांस लेने और छोड़ने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस लेना आसान होता है। यह एलर्जी, सर्दी-जुकाम, और सांस की समस्याओं में सहायता करता है। इसके अलावा, यह तनाव को कम करता है और अच्छी नींद लाने में मदद करता है। इसका अभ्यास करने से मन शांत होता है और थकान दूर होती है, जिसके परिणामस्वरूप रात में नींद जल्दी आती है और सुबह आप तरोताजा महसूस करते हैं।

यह प्राणायाम शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है और ऊर्जा को बढ़ाता है। यदि आप थका हुआ महसूस करते हैं या दिनभर आलस्य आता है, तो यह अभ्यास आपको ताजगी प्रदान कर सकता है। इसलिए इसे 'विजयी श्वास' कहा जाता है, क्योंकि यह आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति दोनों को बढ़ाता है।

उज्जायी प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले एक शांत और आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं। अपनी आँखें बंद करें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। अब नाक से धीरे-धीरे सांस लें, साथ ही गले से हल्की-हल्की 'घर्र' जैसी आवाज निकालें, जो बहुत धीमी होनी चाहिए। फिर इसी तरह नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस पूरे अभ्यास के दौरान आपका पूरा ध्यान अपनी सांसों पर होना चाहिए, ताकि मन भटक न सके। शुरुआत में आप इसे पांच मिनट तक करें और जब आपका अभ्यास मजबूत हो जाए तो धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं।

Point of View

बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से व्यक्ति शांत और संतुलित रह सकता है, जो आज के समय में अत्यंत आवश्यक है। यह एक ऐसा अभ्यास है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए फायदेमंद है, और इसे अपनाकर हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

उज्जायी प्राणायाम क्या है?
उज्जायी प्राणायाम एक प्राचीन योग तकनीक है, जिसमें गहरी सांस के साथ गले से हल्की आवाज निकालकर सांस को नियंत्रित किया जाता है।
क्या उज्जायी प्राणायाम तनाव कम कर सकता है?
हाँ, यह प्राणायाम तनाव को कम करने में मदद करता है और मानसिक शांति लाता है।
क्या इस प्राणायाम का अभ्यास सभी को करना चाहिए?
हाँ, लेकिन यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
उज्जायी प्राणायाम करने का सही तरीका क्या है?
एक शांत जगह पर बैठकर नाक से धीरे-धीरे सांस लें और गले से हल्की आवाज निकालें।
उज्जायी प्राणायाम के और क्या लाभ हैं?
यह पाचन में सुधार करता है, हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, और नींद में सुधार करता है।