क्या इजरायली पीएम नेतन्याहू का सख्त रुख और भारत यात्रा ट्रंप की चिंता को बढ़ा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल और अमेरिका के बीच कड़ा रुख और साझेदारी।
- भारत की इजरायल यात्रा और इसके संभावित लाभ।
- गाजा में युद्धविराम और शांति की चुनौतियाँ।
- भारत और इजरायल के बीच मजबूत संबंध।
- रूस के राष्ट्रपति का भी भारत दौरा।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गाजा में दो वर्षों के बाद हुए युद्धविराम के बाद, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इजरायल पहुंचे हैं। उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की, जहाँ नेतन्याहू का अमेरिका के प्रति कड़ा रुख स्पष्ट दिखा। साथ ही, इजरायली मीडिया ने जानकारी दी है कि उनके नेताओं का भारत दौरे का सिलसिला शुरू होने वाला है।
बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने कहा, "कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका इजरायल को नियंत्रित करता है, जबकि कुछ का कहना है कि इजरायल अमेरिका को। यह सब गलतफहमी है। हम दोनों एक मजबूत साझेदार हैं।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठाता है और इसके लिए वह अमेरिका पर निर्भर नहीं है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्वीकार किया कि गाजा में शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।
इजरायली मीडिया के अनुसार, नवंबर में इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार भारत दौरे पर आएंगे। इसके बाद दिसंबर में प्रधानमंत्री नेतन्याहू, अगले साल फरवरी में रक्षा मंत्री काट्ज और साल की शुरुआत में राष्ट्रपति इसाक हर्जोग भी भारत का दौरा करेंगे। भारत और इजरायल के बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं, और नेतन्याहू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना करीबी मित्र मानते हैं।
भारत और इजरायल के बीच 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों ने अपने संबंधों को और मजबूत किया है। भारत इजरायल से मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसे बराक 8 और उन्नत ड्रोन समेत कई हथियारों का प्रमुख खरीदार है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी दिसंबर में भारत का दौरा करने वाले हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है। इससे पहले, चीन में आयोजित एससीओ समिट में शी जिनपिंग, पुतिन और पीएम मोदी को एक साथ देखा गया था।
दिसंबर में इजरायल और रूस के प्रमुख नेता भारत दौरे पर आएंगे। ताजा समाचार के अनुसार, अमेरिका ने दो रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं और भारत को लगातार टैरिफ की धमकी दी जा रही है।
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने गाजा में हमास को निपटाने से पहले अमेरिका के दबाव में सीजफायर के लिए सहमति जताई है। ऐसे में इन दोनों देशों के शीर्ष नेताओं का भारत आना ट्रंप की चिंता को बढ़ा सकता है।