क्या एनआईए ने 2025 में 92 प्रतिशत दोषसिद्धि दर के साथ आतंकवाद पर बड़ी जीत हासिल की?

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क्या एनआईए ने 2025 में 92 प्रतिशत दोषसिद्धि दर के साथ आतंकवाद पर बड़ी जीत हासिल की?

सारांश

क्या एनआईए ने 2025 में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी जीत हासिल की? जानें इस साल की प्रमुख उपलब्धियों और 92 प्रतिशत दोषसिद्धि दर के बारे में।

Key Takeaways

  • एनआईए की उच्च दोषसिद्धि दर 92% से अधिक है।
  • तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण महत्वपूर्ण है।
  • अनेक आतंकवादियों और गैंगस्टरों की गिरफ्तारी हुई।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एनआईए की प्रतिबद्धता दिखती है।
  • उग्रवाद के खिलाफ समन्वय और सक्रियता को बढ़ावा दिया गया।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 के अंत में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ अपनी प्रभावी कार्रवाई का प्रदर्शन करते हुए एक महत्वपूर्ण प्रेस रिलीज जारी की है। इस वर्ष, एजेंसी ने 92 प्रतिशत से अधिक की दोषसिद्धि दर बनाए रखी, जो भारत की आतंकवाद विरोधी जांच की क्षमता की मजबूती को उजागर करती है।

इस वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों में 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण, पहलगाम और दिल्ली लाल किला आतंकी हमलों की सफल जांच और कई फरार आतंकवादियों की गिरफ्तारी शामिल हैं।

एनआईए ने अप्रैल 2025 में तहव्वुर राणा को 2008 के मुंबई हमलों (166 मृत्यु) की साजिश के लिए भारत लाकर न्याय का सामना कराने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। इसी तरह, गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई (लॉरेंस बिश्नोई का भाई) को अमेरिका से वापस लाया गया, जो दिल्ली और अन्य शहरों में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकी संगठन घोषित किया और सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसमें तीन आतंकवादी शामिल थे, जो धार्मिक हत्याओं के बाद सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए थे। दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में कार विस्फोट (11 मृत्यु) मामले में दो महीने से भी कम समय में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खिलाफ एनआईए ने नौ जांचें कीं और 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। केंद्र सरकार के 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, एजेंसी राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के साथ समन्वय में सक्रिय है। इस वर्ष कुल 55 मामलों में 276 गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें जिहादी मामलों में 67, एलडब्ल्यूई में 74, एनईआई में 37, खालिस्तान में 28, गैंगस्टर में 11 और अन्य में 59 आरोपी शामिल हैं। एनआईए ने 66 दोषसिद्धियां प्राप्त कीं, 320 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और 12 संपत्तियां/परिसंपत्तियां जब्त कीं।

देशव्यापी तलाशी अभियानों में 200 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें गोल्डी बराड़ जैसे खालिस्तानी आतंकवादियों से जुड़े मामले शामिल हैं। एनआईए ने मानव तस्करी नेटवर्क, 'डंकी' मार्ग, बांग्लादेशी-म्यांमार नागरिकों की तस्करी और गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में साइबर गुलामी के मामलों पर भी गहरी कार्रवाई की।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एनआईए ने अपने काम के माध्यम से भारत की सुरक्षा को मजबूत किया है। आतंकवाद के खिलाफ उनके कड़े प्रयास और उच्च दोषसिद्धि दर भारत के न्यायिक तंत्र की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या थीं?
एनआईए ने 2025 में 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड का प्रत्यर्पण, दिल्ली लाल किला और पहलगाम हमलों की सफल जांच की।
एनआईए की दोषसिद्धि दर कितनी थी?
92 प्रतिशत से अधिक की दोषसिद्धि दर इस वर्ष एनआईए ने बनाए रखी।
एनआईए ने कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया?
इस वर्ष एनआईए ने कुल 276 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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