एनआईए ने अवैध हथियार और गोला-बारूद तस्करी मामले में मुख्य आरोपी को क्यों गिरफ्तार किया?
सारांश
Key Takeaways
- कमलकांत वर्मा की गिरफ्तारी ने अवैध हथियार तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने का काम किया है।
- एनआईए की कार्रवाई से अवैध तस्करी की गंभीरता का पता चलता है।
- 23 स्थानों पर तलाशी में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है।
- चार्जशीट में पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत हैं।
- यह गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पटना, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार से शुरू होकर उत्तरी भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले एक बहु-राज्यीय अवैध हथियार एवं गोला-बारूद तस्करी मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।
एनआईए की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि बिहार के पटना से आरोपी कमलकांत वर्मा उर्फ अंकल जी की गिरफ्तारी, आरसी-०१/२०२५/एनआईए/पीटीए मामले में ११वीं गिरफ्तारी है।
एनआईए की जांच में यह सामने आया कि कमलकांत हरियाणा और अन्य स्थानों के विभिन्न गन हाउसों से अवैध रूप से गोला-बारूद खरीदने वाले गिरोह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। यह गोला-बारूद उत्तर प्रदेश में तस्करी के लिए भेजा जाता था और फिर इसे बिहार और देश के अन्य हिस्सों में पहुँचाया जाता था।
कमलकांत की गिरफ्तारी एनआईए द्वारा उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के २३ स्थानों पर की गई तलाशी के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसके परिणामस्वरूप चार अन्य आरोपियों रवि रंजन, शशि प्रकाश, विजय कालरा और कुश कालरा को गिरफ्तार किया गया था। ४ दिसंबर को की गई तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए गए थे।
यह ताजा गिरफ्तारी इस मामले में एनआईए की चल रही जांच और उत्तर भारत में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला को खत्म करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, एनआईए ने पहलगाम हमले के मामले में १,५९७ पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट हमले के आठ महीने बाद दायर की गई। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि चार्जशीट में ऐसे अहम सबूत हैं जो पाकिस्तान के शामिल होने की बात कह रहे हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकवादियों, हैंडलर्स और मास्टरमाइंड्स के नाम बताने के अलावा सभी ऑपरेशनल डिटेल्स भी लिस्ट किए हैं, लेकिन इस दस्तावेज का सबसे अहम पहलू पाकिस्तान से सीधा लिंक है, जिसे एजेंसी ने लिस्ट किया है। यह चार्जशीट भारत के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को फिर से बेनकाब करने के लिए एक अहम दस्तावेज का काम करेगी।