क्या निषादराज की भक्ति से गूंज उठा अयोध्या का रामकथा पार्क?

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क्या निषादराज की भक्ति से गूंज उठा अयोध्या का रामकथा पार्क?

सारांश

अयोध्या का रामकथा पार्क, निषादराज और प्रभु श्रीराम की भक्ति से गूंज उठा। अद्भुत रामलीला ने दर्शकों के दिलों को छुआ, जिसमें निस्वार्थ सेवा और समर्पण का अनूठा चित्रण किया गया। यह आयोजन तकनीक और परंपरा का संगम है।

Key Takeaways

  • रामकथा पार्क में निषादराज की भक्ति का अद्भुत मंचन हुआ।
  • रामलीला का प्रसारण दूरदर्शन और यूट्यूब पर हो रहा है।
  • इस वर्ष की रामलीला ने सभी रिकॉर्ड तोड़ने का लक्ष्य रखा है।
  • रावण दहन का आयोजन 2 अक्टूबर को होगा।
  • संस्कृति और अध्यात्म का यह महासंगम दर्शकों को भाव-विभोर करता है।

अयोध्या, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भगवान श्रीराम की जीवनगाथा में पराक्रम के साथ-साथ भक्ति, करुणा और मानवता का भाव समाहित है। अयोध्या का रामकथा पार्क इसी अद्भुत भाव का साक्षी बना, जब रामलीला के मंच पर निषादराज और प्रभु श्रीराम का प्रसंग जीवंत हुआ। निस्वार्थ सेवा और समर्पण का यह दृश्य रामभक्तों के हृदय को भाव-विभोर कर गया।

जानकारी के अनुसार, रामलीला का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और यूट्यूब के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु जुड़ रहे हैं। भक्ति का अनुपम दृश्य देख दर्शकों की आंखें भर आईं। गणेश वंदना के साथ प्रारंभ हुई श्रीरामलीला में जैसे ही निषादराज का प्रसंग आया, पूरा रामकथा पार्क ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से गूंज उठा।

राम, लक्ष्मण और सीता जी के चरणों में निषादराज की सेवा और उनकी निष्ठा का चित्रण ऐसा हुआ, मानो दर्शक उसी युग में पहुंच गए हों। सूचना आयुक्त पी.एन. द्विवेदी ने निषादराज की भूमिका में जीवंत भाव प्रस्तुत किया, जिससे दर्शक श्रद्धालु भावुक हो गए। रामलीला के हर दृश्य में कलाकारों की संवाद शैली ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामलीला में अवधपुरी नगरी, केवट प्रसंग, वाल्मीकि आश्रम, दशरथ भवन, भरत का सपना और चित्रकूट राज्य दृश्य जैसे प्रसंग मंचित हुए। हर दृश्य में कलाकारों की संवाद शैली और मंच सज्जा ने भारतीय संस्कृति की झलक को और गहरा किया।

कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को रामकथा की आत्मा से जोड़ने का कार्य किया। कलाकारों ने अपने अभिनय से कथा को प्राणवान बना दिया। राम की भूमिका में वेद सागर, लक्ष्मण के रूप में राजन मोदी, सीता के रूप में अर्चना सक्सेना और भरत के रूप में सूरज ने अपनी उपस्थिति से मन मोह लिया। वहीं, कौशल्या का किरदार निभा रही प्रतिभा पारीक और केकई की भूमिका में सोनम त्रिपाठी ने अभिनय से कथा को प्राणवान बना दिया।

अयोध्या की यह रामलीला केवल एक मंचन नहीं, बल्कि संस्कृति और अध्यात्म का महासंगम है। रामकथा पार्क में हो रहा यह सातवां संस्करण तकनीक और परंपरा का अनूठा मेल प्रस्तुत कर रहा है। अध्यक्ष सुभाष मलिक और महासचिव शुभम मलिक के अनुसार, इस वर्ष की रामलीला अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है। आयोजन समिति के अनुसार आगामी दो अक्टूबर को रावण दहन का भव्य आयोजन होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक मुख्य अतिथि होंगे।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और समर्पण का प्रतीक है। राष्ट्रीय दृष्टि से, यह आयोजन हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का एक प्रयास है, जो हर भारतीय को गर्वित करता है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

रामकथा पार्क में क्या विशेष आयोजन हुआ?
रामकथा पार्क में निषादराज और प्रभु श्रीराम की भक्ति पर आधारित रामलीला का मंचन हुआ।
रामलीला का प्रसारण कहाँ हो रहा है?
रामलीला का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और यूट्यूब पर हो रहा है।
इस वर्ष की रामलीला में कौन-कौन से कलाकार शामिल हैं?
राम की भूमिका में वेद सागर, लक्ष्मण में राजन मोदी, सीता में अर्चना सक्सेना और भरत में सूरज शामिल हैं।
रावण दहन का आयोजन कब होगा?
रावण दहन का भव्य आयोजन आगामी 2 अक्टूबर को होगा।
इस रामलीला का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस रामलीला का उद्देश्य हमारी संस्कृति और अध्यात्म को सहेजना और आगे बढ़ाना है।