क्या निशिकांत दुबे का दावा है कि बुजुर्गों के आशीर्वाद से बिहार में एनडीए की जीत सुनिश्चित है?
सारांश
Key Takeaways
- निशिकांत दुबे ने भागलपुर में चुनावी माहौल पर अपने विचार साझा किए।
- बुजुर्गों का आशीर्वाद एनडीए की जीत के लिए महत्वपूर्ण है।
- भागलपुर और आस-पास के क्षेत्रों की विधानसभा सीटें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
- एसटीपीआई की स्थापना से शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है।
- यह क्षेत्र भविष्य में विकास के नए केंद्र के रूप में उभर सकता है।
भागलपुर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को भागलपुर में चुनावी माहौल, राजनीतिक समीकरण और क्षेत्र के विकास पर कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भागलपुर और उसके आस-पास की विधानसभा सीटें मात्र राजनीतिक सीमाएं नहीं हैं, बल्कि ये सभी एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं, जहां एक क्षेत्र का राजनीतिक वातावरण दूसरे सीटों को भी प्रभावित करता है।
निशिकांत दुबे ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "मेरे पास पूर्णिया सीट है, कटिहार सीट है और सबसे महत्वपूर्ण, भागलपुर जिले में मेरी तीन सीटें हैं। पीरपैंती मेरी होम कंस्टीट्यूएंसी है, कहलगांव वह ब्लॉक है जिससे मैं जुड़ा हूं और भागलपुर वह क्षेत्र है जहां मैं निरंतर मतदाता रहा हूं। मैं इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय रहता हूं, लेकिन यह भी सच है कि ये इलाके (चाहे नाथनगर हो, भीपुर हो या गोपालपुर) सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज की राजनीति में एक विधानसभा का माहौल दूसरी सीट को भी प्रभावित करता है।"
उन्होंने कहा, "55 साल, 65 साल और 85 साल के बुजुर्ग और सम्मानित लोग प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार और एनडीए को आशीर्वाद दे रहे हैं। क्या यह चुनाव जैसा कुछ भी है?"
आगे उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में एनडीए को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। दुबे ने दावा किया कि बुजुर्गों का जो उत्साह है, वह स्पष्ट संकेत देता है कि मुकाबला एकतरफा है।
इसके साथ ही, निशिकांत दुबे ने शिक्षा क्षेत्र में संभावित बड़े बदलावों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि अगर भागलपुर में एसटीपीआई (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया) की स्थापना होती है, तो यह क्षेत्र शिक्षा और टेक्नोलॉजी का नया केंद्र बन सकता है।
सांसद दुबे ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, अगर एसटीपीआई यहां आता है, तो एनआईईएलआईटी, सी-डीओटी और सी-डीएसी जैसी संस्थाएं भी यहां आ सकती हैं, ठीक उसी तरह जैसे ये संस्थान देवघर में तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन संस्थानों के आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बिल्कुल नई तरह की प्रगति देखने को मिलेगी। इससे युवाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकी शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे।"
उन्होंने विश्वास जताया कि भागलपुर और आसपास के क्षेत्र भविष्य में विकास के नए केंद्र के रूप में उभरेंगे और यह पूरा क्षेत्र न केवल राजनीतिक रूप से, बल्कि शिक्षा, टेक्नोलॉजी और रोजगार के क्षेत्र में भी नई पहचान बनाएगा।