क्या नीतीश कुमार ने पीएम मोदी और अमित शाह से महत्वपूर्ण मुलाकात की?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से महत्वपूर्ण मुलाकात की।
- बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है।
- भाजपा ने बिहार में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं।
- 2026 में राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों पर चर्चा हुई।
- जदयू में सदस्यता अभियान चल रहा है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में विशाल जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
यह बैठक राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। तीनों नेता एक साथ प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना से दिल्ली के लिए प्रस्थान किया था। विधानसभा चुनाव में भव्य जीत के बाद यह उनका पहला दिल्ली दौरा है, जिससे इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकल रहे हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात से पूर्व, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भी उनसे चर्चा की।
नीतीश कुमार का यह दिल्ली दौरा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में बिहार में भाजपा ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जैसे नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य मंत्रिमंडल के अगले चरण के विस्तार और 2026 में होने वाले राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं से मुलाकात के दौरान मंत्री परिषद के विस्तार पर भी बातचीत की गई है। बिहार में खरमास के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना है। वर्तमान में नीतीश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री हैं, जबकि कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसमें 10-11 नए मंत्री शामिल हो सकते हैं।
बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतकर एक विशाल बहुमत हासिल किया है। नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री बने हैं। चुनाव से पूर्व कई वादे किए गए थे, जिसमें प्रधानमंत्री ने भी बिहार को एक विकसित राज्य बनाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में आगामी केंद्रीय बजट से पहले यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसके अलावा, जदयू में वर्तमान में सदस्यता अभियान चल रहा है। मुख्यमंत्री दिल्ली में जदयू नेताओं के साथ बैठक कर इस अभियान की समीक्षा कर सकते हैं।