क्या नीतीश मिश्रा ने लालू पर सही जवाब दिया? बिहार में राजद सरकार के दौरान बंद हुए सारे उद्योग

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश मिश्रा ने लालू प्रसाद यादव के आरोपों का जवाब दिया।
- राजद के शासनकाल में उद्योग बंद होने का आरोप।
- वर्तमान सरकार ने 1.81 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव साइन किया।
- चीनी मिलों के पुनरुद्धार की नीति बनाई गई है।
- बिहार को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
पटना, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा साझा किए गए गुजराती फार्मूला से संबंधित पोस्ट पर जवाबउद्योग की बातें लालू प्रसाद यादव के मुंह से सुनना बिहार की जनता को उचित नहीं लगता। सभी जानते हैं कि राजद के शासन में राज्य के सारे उद्योग बंद हो गए।
वास्तव में, राजद प्रमुख ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था- 'मोदीजी, बिहार से विजयी होना चाहते हैं और फैक्ट्री गुजरात में चाहिए? यह गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा!'
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, नीतीश मिश्रा ने कहा कि राजद के शासनकाल (1990-2005) के दौरान बिहार की अर्थव्यवस्था और आधारभूत संरचना का बुरा हाल हुआ, जिसका सबूत मौजूद है।
उन्होंने आगे कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार में कोई भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ। वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1.81 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए, जिनमें से 90 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गई है।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, नीतियों और गवर्नेंस की सराहना की। उन्होंने यह दावा किया कि बिहार अब बड़े निवेश को आकर्षित कर रहा है। पहले बिहार में 1000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसे कई प्रस्ताव हैं और जल्द ही बिहार देश के मानचित्र पर एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित होगा।
दिसंबर में होने वाले बिहार बिजनेस कनेक्ट का उल्लेख करते हुए, उद्योग मंत्री ने राज्य में निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराई जा रही है।
नीतीश मिश्रा ने विपक्ष के चीनी मिलों पर किए गए तंज का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल में, खासकर 1994-95 में, बिहार की सभी चीनी मिलें बंद हो गई थीं। वर्तमान सरकार ने चीनी मिलों के पुनरुद्धार की नीति बनाई है।
इसके परिणामस्वरूप चंपारण क्षेत्र में दो चीनी मिलें फिर से चालू हो चुकी हैं। अन्य मिलों के लिए निविदा निकाली गई है और विभाग नए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। शीघ्र ही नई निविदा प्रकाशित होगी।
उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है, जिसे किसानों के कल्याण के लिए बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा।