क्या निया शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के एलिमनी फैसले का समर्थन किया?

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क्या निया शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट के एलिमनी फैसले का समर्थन किया?

सारांश

दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया फैसले पर निया शर्मा ने अपनी राय दी है। जानें उनके विचार और इस मामले में क्या है विवाद। क्या यह फैसला पुरुषों के लिए न्याय दिलाता है? पढ़ें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आर्थिक रूप से सक्षम महिलाओं के लिए गुजारा भत्ता नहीं देने का है।
  • निया शर्मा ने इस फैसले का समर्थन किया है।
  • एलिमनी एक जेंडर न्यूट्रल कानून है।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी शो 'एक हजारों में मेरी बहना है' की प्रसिद्ध एक्ट्रेस निया शर्मा सोशल मीडिया पर अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं।

एक्ट्रेस ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने पुरुषों के लिए एलिमनी के मामलों में न्याय की बात की है।

निया शर्मा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन द्वारा सुनाए गए फैसले का उल्लेख किया गया है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई महिला उच्च पद पर है और आर्थिक रूप से सक्षम है, तो उसे गुजारा भत्ता नहीं दिया जाएगा। उन्हें यह साबित करना होगा कि वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

इस फैसले के संदर्भ में निया ने लिखा, "भारत में फर्जी तलाक के मामलों में कमी आ सकती है, जिससे पुरुषों को एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा। पैसे कमाना आसान है…बस काम ढूंढो…ना कि आदमी।" उनके इस पोस्ट को फैंस का समर्थन मिल रहा है, जबकि कुछ यूजर्स का मानना है कि एलिमनी महिलाओं का बुनियादी अधिकार है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला एक महिला के मामले में सुनाया है, जो रेलवे में ग्रुप एक अधिकारी हैं। महिला ने स्थाई गुजारा भत्ते की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक के मामले में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी, जिसमें धनश्री को 4 करोड़ की एलिमनी मिली थी। उस समय भी बहस चल रही थी कि क्या सक्षम महिलाएं भी एलिमनी की हकदार हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एलिमनी एक जेंडर न्यूट्रल लॉ है, जो पुरुषों को भी अधिकार देता है।

-- राष्ट्र प्रेस

पीएस/डीकेपी

Point of View

जहाँ हम न्याय, समानता और मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं। निया शर्मा का यह समर्थन केवल एक व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक मुद्दे को उजागर करता है। हमें इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली हाईकोर्ट का एलिमनी पर फैसला क्या है?
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि महिला आर्थिक रूप से सक्षम है, तो वह गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती।
क्या निया शर्मा के बयान का समर्थन किया गया?
हाँ, निया शर्मा के बयान को सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने समर्थन दिया है।
एलिमनी का अधिकार किसे है?
एलिमनी एक जेंडर न्यूट्रल लॉ है, जिसका हक पुरुष और महिलाएं दोनों रख सकते हैं।