क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है?

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क्या नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है?

सारांश

नोएडा में बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले अंतर्राजीय गिरोह के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके पास से ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी जब्त किए गए हैं। इस मामले में और भी जानकारी सामने आ रही है।

Key Takeaways

  • नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ।
  • तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
  • पुलिस ने ठगी में उपयोग किए गए उपकरण जब्त किए।
  • आरोपियों ने बेरोजगार युवाओं से पैसे ऐठे।
  • पुलिस आरोपियों के नेटवर्क की जांच कर रही है।

नोएडा, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के थाना फेस-1 पुलिस ने एनसीआर क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक अंतर्राजीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए फर्जी कॉल सेंटर के संचालक समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने मौके से कॉल सेंटर संचालन के लिए उपयोग किए जाने वाले भारी उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपी नोएडा के सेक्टर-4 में बिल्डिंग नंबर ए-88 के दूसरे तल पर फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। छापेमारी के दौरान दो मुख्य आरोपी अनुज कुमार और रोमेश मलिक को गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि वे फाउंडिट.कॉम से 30,000 रुपये में बेरोजगार उम्मीदवारों का डाटा खरीदते थे और खुद को नौकरी.कॉम का कर्मचारी बताकर नौकरी दिलाने का लालच देते थे। पुलिस की जानकारी के अनुसार, ठगी की यह गैंग पहले पीड़ित से 950 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क लेती थी, इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, फाइल सबमिशन, प्रोफाइल फाइनलाइजेशन और एनओसी आदि के नाम पर 50,000 रुपये तक वसूल करती थी। कई युवाओं को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी भेजे जाते थे। जब पीड़ितों को संदेह होता या वे बार-बार कॉल करने लगते, तो उनके नंबर ब्लॉक कर दिए जाते थे।

आरोपियों से पुलिस को पता चला है कि वे अपनी फर्जी कंपनी में कॉलिंग के लिए केवल महिला कर्मचारियों को एक महीने के लिए नियुक्त करते थे, ताकि उनके अपराध का पता न चल सके। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी वर्ष 2017 में हैदराबाद में भी इसी प्रकार की ठगी के मामले में पकड़े जा चुके हैं और वे करीब 8 से 10 वर्षों से युवाओं से धन ऐंठ रहे हैं।

पुलिस ने छापेमारी के दौरान 11 कीपैड मोबाइल फोन, 1 स्मार्टफोन, 7 स्टांप मोहर, 4 फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, 4 कंप्यूटर मॉनीटर, 4 सीपीयू, 4 कीबोर्ड, 4 माउस और 34 स्क्रीनशॉट जब्त किए। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना फेस-1 में अन्य धाराओं के साथ आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है ताकि इस साइबर ठगी गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।

Point of View

NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर क्या है?
यह एक ऐसा केंद्र है जहां बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगा जाता है।
आरोपियों को किस धाराओं में गिरफ्तार किया गया है?
आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने क्या-क्या बरामद किया है?
पुलिस ने 11 कीपैड मोबाइल फोन, 1 स्मार्टफोन, 4 कंप्यूटर मॉनीटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
यह गिरोह कब से सक्रिय था?
यह गिरोह पिछले 8 से 10 वर्षों से सक्रिय था।
क्या पुलिस ने अन्य सदस्यों को पकड़ने की योजना बनाई है?
हाँ, पुलिस आरोपियों के नेटवर्क की जांच कर रही है।
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