क्या नोएडा में बिजली व्यवस्था को मिलेगा नया आयाम? 19 नए उपकेंद्र जल्द बनेंगे
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा में 19 नए विद्युत उपकेंद्रों का निर्माण।
- नई कार्यप्रणाली से 4.5 लाख उपभोक्ताओं को लाभ।
- उपकेंद्रों की क्षमता 2x10 एमवीए होगी।
- बिजली आपूर्ति में सुधार और शिकायतों का त्वरित निस्तारण।
- तकनीकी मजबूती और बेहतर सेवाएं उपभोक्ताओं के लिए।
नोएडा, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की बिजली आपूर्ति प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली और आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्य अभियंता (वितरण) नोएडा क्षेत्र, संजय कुमार जैन ने गुरुवार को महाप्रबंधक नोएडा के साथ मिलकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) से एक बैठक की। इस बैठक में मॉडर्नाइजेशन योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा और उनके सफल कार्यान्वयन पर गहन चर्चा की गई।
बैठक के दौरान, मुख्य अभियंता ने नोएडा के विभिन्न प्रमुख सेक्टरों में नए 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्रों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इन उपकेंद्रों की क्षमता 2x10 एमवीए होगी, जिससे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और स्थिरता में उल्लेखनीय सुधार होगा। इन उपकेंद्रों का निर्माण सेक्टर-63डी, 63जी, 63जे, 63एच, 117, 65, एनएसईजैड, 80 न्यू, भंगेल, 80सी, 140, 138, 124, 126, 16, 108, 132, 8 और 59 में प्रस्तावित है।
इस पर सीईओ ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत विभाग और नोएडा प्राधिकरण का संयुक्त सर्वेक्षण और निरीक्षण करके भूमि का शीघ्र चिन्हीकरण किया जाए, ताकि उपकेंद्रों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ किया जा सके।
बैठक में मुख्य अभियंता ने यह भी जानकारी दी कि 15 नवंबर से गौतमबुद्ध नगर जनपद में कार्यात्मक विशेषीकरण आधारित नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस नई प्रणाली से लगभग 4.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को सीधे लाभ प्राप्त होगा। वर्तमान में नोएडा क्षेत्र में 8 वितरण खंड और 2 परीक्षण खंड कार्यरत हैं। नई व्यवस्था के अंतर्गत इन्हें पुनर्गठित कर 3 नग 33 केवी वितरण खंड, 3 नग 11 केवी वितरण खंड, 1 कॉमर्शियल खंड, 1 बिलिंग खंड, 1 मीटर/एएमआईएसपी खंड, 1 स्काडा खंड, 1 एडमिन खंड, और 1 रेड खंड के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
इस नई प्रणाली के लागू होने से न केवल बिजली आपूर्ति की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि शिकायतों के निस्तारण की गति भी तेज होगी। अधिकारियों के अनुसार, इस आधुनिक संरचना से नोएडा की बिजली व्यवस्था में तकनीकी मजबूती आएगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी।