क्या नोएडा पुलिस ने लापता नेत्रहीन बालक को सकुशल बरामद किया?

सारांश
Key Takeaways
- नोएडा पुलिस ने मानवता का एक उदाहरण पेश किया।
- 14 वर्षीय नेत्रहीन बालक को दो वर्ष बाद सुरक्षित बरामद किया गया।
- पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय निवासियों की मदद से बालक को खोजा।
- परिजनों ने पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया।
- बालक ने रास्ता भटकने के बाद आश्रम में रहना शुरू किया था।
नोएडा, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मानवीयता और कर्तव्यपरायणता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए थाना फेज-1 पुलिस ने 14 वर्षीय नेत्रहीन बालक को सुरक्षित रूप से बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया। यह बालक पिछले दो वर्षों से गुमशुदा था और इसके गुमशुदगी का मामला भी दर्ज किया गया था।
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के मार्गदर्शन में, डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद और एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला के कुशल देखरेख में थाना फेज-1 पुलिस लगातार इस खोज में जुटी रही। पुलिस टीम ने बालक की तलाश के लिए न केवल विभिन्न थानों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर पंपलेट चस्पा किए, बल्कि गौतमबुद्धनगर के आस-पास के जनपदों में भी उसकी खोजबीन को बढ़ाया।
बाल आश्रमों में जाकर भी पुलिस ने पूछताछ की और सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। स्थानीय निवासियों से लगातार जानकारी जुटाई जाती रही। अथक प्रयासों का परिणाम सोमवार को मिला, जब पुलिस ने डीएमआरसी आश्रम, दिल्ली में उक्त बालक को सुरक्षित रूप से खोज निकाला।
बालक को थाने लाकर परिजनों को बुलाया गया और विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिवार के सुपुर्द कर दिया गया। अपने बच्चे को गले लगाते ही परिजन भावुक हो उठे और पुलिस टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।
पूछताछ में बालक ने बताया कि वह नेत्रहीन है और दो वर्ष पूर्व घर का रास्ता भूल गया था। रास्ता भटकने के बाद किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे डीएमआरसी आश्रम, दिल्ली में छोड़ दिया, जहां वह अब तक रह रहा था। पुलिस के निरंतर प्रयासों के कारण ही यह बालक अपने घर और परिवार के पास वापस पहुँच सका है। पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज की जांच की और जगह-जगह इसकी तलाश कर रही थी।