क्या एनपीपीपी ने टीवीके के समर्थन में मद्रास हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की?

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क्या एनपीपीपी ने टीवीके के समर्थन में मद्रास हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की?

सारांश

क्या एनपीपीपी ने टीवीके के समर्थन में मद्रास हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की? जानिए तमिलनाडु में राजनीतिक संघर्ष की नई कहानी। विजय की पार्टी पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध और न्यायालय की सिफारिशें इस मामले को और भी रोचक बनाती हैं।

Key Takeaways

  • एनपीपीपी ने टीवीके के समर्थन में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
  • राज्य सरकार द्वारा विजय के अभियान पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
  • मद्रास उच्च न्यायालय ने सभी राजनीतिक दलों के लिए समान दिशानिर्देशों की सिफारिश की है।

चेन्नई, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिझागा वेत्री कझगम (टीवीके) के समर्थन में नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी (एनपीपीपी) ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की है।

इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार विजय के अभियान पर गंभीर प्रतिबंध लगा रही है, जो कि विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की एक साजिश है।

टीवीके के अध्यक्ष विजय 2026 विधानसभा चुनावों के लिए राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। टीवीके ने पहले ही मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पुलिस इन अभियान यात्राओं पर अत्यधिक शर्तें लगा रही है। पार्टी ने अनुरोध किया कि अभियान सभाओं की अनुमति के लिए आवेदन को बिना किसी पूर्वाग्रह के देखा जाए और त्वरित अनुमति दी जाए।

टीवीके का कहना है कि पुलिस ने तिरुचिरापल्ली में 13 सितंबर को आयोजित रैली के लिए 23 शर्तें लगाई, जिनमें गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को कार्यक्रम में शामिल न होने की मनाही, सभाओं में 30 मिनट से अधिक बोलने की सीमा और भीड़ पर पाबंदी शामिल है। पार्टी का आरोप है कि ये शर्तें केवल टीवीके पर लागू की जा रही हैं, जबकि सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कढ़गम (द्रमुक) और मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक के कार्यक्रमों पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है।

एनपीपीपी के अध्यक्ष एम.एल. रवि ने अपनी याचिका में खुद को मामले का पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक विपक्षी दलों की आवाज को दबा रही है और लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु पुलिस सत्तारूढ़ द्रमुक की शाखा के रूप में कार्य कर रही है। रवि ने कहा, "सरकार छोटे विपक्षी दलों को कुचलने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक पर ऐसे कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, लेकिन विजय जैसे नए चेहरे पर इन्हें सख्ती से लागू किया जा रहा है।"

मामले की पिछली सुनवाई 18 सितंबर को हुई, जिसमें न्यायमूर्ति एन. सतीश कुमार ने राज्य सरकार को सभी राजनीतिक दलों के लिए सार्वजनिक सभाओं, रैलियों और अभियानों के लिए समान दिशानिर्देश बनाने का सुझाव दिया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस प्रकार के राजनीतिक विवाद केवल एक पार्टी के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि यह लोकतंत्र की नींव को भी हिला सकते हैं। सभी राजनीतिक दलों को समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

एनपीपीपी ने क्यों हस्तक्षेप याचिका दायर की?
एनपीपीपी ने टीवीके के समर्थन में राज्य सरकार के द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
टीवीके के अध्यक्ष विजय पर क्या प्रतिबंध लगाए गए हैं?
टीवीके के अध्यक्ष विजय पर पुलिस द्वारा कई शर्तें लगाई गई हैं, जैसे गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को कार्यक्रम में शामिल न होने देना।
मद्रास उच्च न्यायालय ने क्या सुझाव दिया?
मद्रास उच्च न्यायालय ने सभी राजनीतिक दलों के लिए सार्वजनिक सभाओं के लिए समान दिशानिर्देश बनाने का सुझाव दिया है।