क्या न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने लोगों का विश्वास तोड़ा? - एमके कनिमोझी

Click to start listening
क्या न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने लोगों का विश्वास तोड़ा? - एमके कनिमोझी

सारांश

इंडिया महागठबंधन के 107 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जानिए इस प्रस्ताव के पीछे की कहानी और डीएमके सांसद एमके कनिमोझी के बयान।

Key Takeaways

  • महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया है।
  • न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन पर गंभीर आरोप हैं।
  • सांसदों का एकजुट होना दर्शाता है कि मुद्दा गंभीर है।
  • लोकतंत्र में विश्वास का टूटना खतरनाक हो सकता है।
  • ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया महागठबंधन के 107 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन को पद से हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।

इस महाभियोग प्रस्ताव में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, सपा, सीपीआई, सीपीएम और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सहित कई प्रमुख दलों के सांसदों के हस्ताक्षर हैं।

महाभियोग प्रस्ताव को लेकर डीएमके सांसद एमके कनिमोझी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उन्होंने लोगों का विश्वास और भरोसा तोड़ दिया है। उन्होंने देश के संविधान और देश की जनता से किए गए वादों के खिलाफ काम किया है।

उन्होंने कहा कि हमने कई ऐसे मामले देखे हैं जिनमें पक्षपात हुआ है, और ऐसे मामले भी हैं जहां जज कुछ चुनिंदा वकीलों के खिलाफ पक्षपाती रहे हैं। ये सब ठीक नहीं है। यह कोई एक मामला नहीं है और न ही किसी एक मुद्दे को लेकर है। यह व्यक्ति के व्यवहार से जुड़ा मामला है। मैंने जो कहा, ये कुछ समस्याएं हैं।

कांग्रेस सांसद जेबी माथेर का कहना है कि जज किसी विचारधारा से प्रेरित दिखाई देते हैं। हम उनके फैसलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हम जो कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, वह करेंगे। महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। अगर चर्चा होगी तो हम उस पर अपनी बात रखेंगे।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि अगर 100 से ज्यादा सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, तो जरूर कोई गंभीर मामला होगा, अन्यथा 100 से ज्यादा सांसद इसके लिए हस्ताक्षर न करते। हर चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि समस्या है, तो समय पर बात करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ईवीएम भरोसे लायक नहीं है। दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जिस पर पूरी तरह भरोसा किया जा सके। लोकतंत्र में अगर भरोसा टूटने लगे तो यह गंभीर समस्या है। अगर हम टेक्नोलॉजी पर अपने प्रजातंत्र को आधारित कर देंगे तो यह खतरनाक हो सकता है।

Point of View

बल्कि एक व्यापक मुद्दा है जो न्यायपालिका के प्रति जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकता है। ऐसे मामलों में सटीकता, निष्पक्षता और पारदर्शिता की आवश्यकता होती है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

महाभियोग प्रस्ताव में क्या आरोप लगाए गए हैं?
महाभियोग प्रस्ताव में न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन पर पक्षपाती व्यवहार और संविधान के प्रति अनादर के आरोप लगाए गए हैं।
महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन कौन कर रहा है?
महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन इंडिया महागठबंधन के 107 सांसदों द्वारा किया गया है।
क्या इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी?
हाँ, यदि चर्चा होती है, तो सांसद अपनी बात रखेंगे।
Nation Press