क्या ओडिशा में कांग्रेस की बार-बार हार से चिंतित मोहम्मद मोकिम ने सोनिया को पत्र लिखा?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब हो रहा है।
- मोहम्मद मोकिम ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
- पार्टी को नए चेहरों की आवश्यकता है।
- कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बढ़ाने की जरूरत है।
- राहुल गांधी को प्रशासन में बदलाव लाने की जरूरत है।
कटक, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने गुरुवार को प्रदेश और देश में पार्टी के लगातार निराशाजनक प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा और कुछ सुझाव प्रस्तुत किए।
कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत करते हुए कहा, "आम चुनाव के बाद पांच राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा, खासकर दिल्ली में हमें एक भी सीट नहीं मिली। बिहार में पार्टी छह सीटों पर सीमित रह गई। ओडिशा में हुए उपचुनाव में भी हमें हार का सामना करना पड़ा। कहीं न कहीं पार्टी सही रास्ते पर नहीं चल रही है। इसलिए मैंने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है और अपने मन की बात उन्हें पहुंचाई है। मैंने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु लिखे हैं, जिनमें अगर सुधार नहीं किया गया तो आगे कांग्रेस के लिए और मुश्किल होगी।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शरत पटनायक पर बार-बार विश्वास जताए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अभी भी जिस व्यक्ति को उन्होंने बैठाया है, वह ओडिशा को विभाजित करने लगा है। उनके निर्वाचन मंडल में हम बड़े अंतर से चुनाव हारे हैं। हम छह बार चुनाव हार चुके हैं। 2000 से आज तक कांग्रेस का कोई सफलता नहीं मिला। अगर हमें 2029 की तैयारी करनी है और इस विषय को ध्यान में रखकर तैयारी नहीं की, तो कांग्रेस कभी उभर नहीं पाएगी। जो सीनियर नेता कई बार चुनाव हार चुके हैं, उनकी जगह कुछ नए चेहरों को उतारना पड़ेगा ताकि कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ सके।
मोकिम ने कहा, "कांग्रेस मेरे खून में है। इतनी बड़ी पार्टी जब डूब
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बारे में उन्होंने कहा, "राहुल गांधी हमारे नेता हैं। जिस तरह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी लोगों से खुलेआम मिलते थे, समस्याओं को सुनकर समाधान करते थे, राहुल गांधी को भी वैसा ही करना चाहिए। वे पहले ऐसा करते थे, लेकिन पिछले 5 साल से हमें ऐसा नहीं दिख रहा है। अगर वे नेताओं, कार्यकर्ताओं से नहीं मिलेंगे तो पार्टी में कैसे सुधार होगा? पदयात्रा करना एक अलग विषय है, लेकिन कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बूथ सजाना एक अलग विषय है।