क्या उत्तर प्रदेश के बस्ती में कोडीन सिरप बरामदगी मामले में दो लोगों को 10 साल की सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- कोडीन सिरप का अवैध सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
- नशे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूरी है।
- सरकार ने नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
- कोडीन की अवैध बिक्री पर नजर रखना आवश्यक है।
- समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाना जरूरी है।
बस्ती, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बस्ती के फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के जज विजय कुमार कटियार ने कोडीन सिरप रखने के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार अहमद खान उर्फ तारा और रमजान शेख को दोषी ठहराया है।
कोर्ट ने दोनों को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है और प्रत्येक पर 1 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि जुर्माना नहीं अदा किया गया, तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त सजा का सामना करना पड़ेगा।
यह गिरफ्तारी 29 मार्च 2025 को रेलवे प्लेटफार्म पर चेकिंग के दौरान हुई थी। अहमद के पास 300 सीसी और रमजान के पास 215 सीसी प्रतिबंधित कोडीन सिरप बरामद किया गया था। इसके बाद जीआरपी ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
सरकारी अधिवक्ता उत्कर्ष ने अदालत में इस मामले के सभी पहलुओं को प्रस्तुत किया। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि बलरामपुर जिले के निवासी अहमद और रमजान को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। दोनों को इस प्रतिबंधित सिरप के मामले में दस साल की सजा सुनाई गई है।
योगी सरकार के निर्देश पर पूरे प्रदेश में एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की थी।
प्रदेशभर में लाखों की अवैध नारकोटिक और कोडीनयुक्त औषधियां जब्त की गई थीं। 5 दिसंबर तक 128 एफआईआर दर्ज की गई थीं। वहीं आधा दर्जन से अधिक अवैध नशे के सौदागरों को गिरफ्तार किया गया था।
वाराणसी में 38, जौनपुर में 16, कानपुर नगर में 8, गाजीपुर में 6, लखीमपुर खीरी में 4, लखनऊ में 4 और बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मिर्जापुर आदि जिलों में 52 एफआईआर दर्ज की गई थीं।