क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' के सभी पहलुओं पर चर्चा होनी चाहिए?: फौजिया खान

सारांश
Key Takeaways
- 'ऑपरेशन सिंदूर' का महत्व और इसके सभी पहलुओं पर चर्चा आवश्यक है।
- संसद में फौजिया खान ने सभी पहलुओं को उजागर करने की बात की।
- सुरक्षा और लोकतंत्र दोनों पर इस विषय का प्रभाव है।
- विपक्ष एसआईआर का समर्थन करता है, लेकिन सही समय पर लागू करने की मांग करता है।
- भारत-पाकिस्तान संबंधों पर क्रिकेट खेलना विवादास्पद है।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस आयोजित की जानी है। विपक्ष की मांग है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की वास्तविकता सदन और देश की जनता को पता चलनी चाहिए। विपक्ष यह भी चाहता है कि इस विषय पर प्रधानमंत्री जानकारी दें। एनसीपी (एससीपी) सांसद फौजिया खान ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' के सभी पहलुओं पर चर्चा की जानी चाहिए।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमारा आग्रह हमेशा से इस बात पर रहा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के सभी पहलुओं पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसकी अच्छाई और बुराई को देश के सामने आना चाहिए। पूरे देश ने एक साथ मिलकर आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान को एक संदेश दिया है कि कोई भी राष्ट्र हमारे देश की ओर आँख उठाकर नहीं देख सकता। इस मुद्दे पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकता देखी गई। भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि एकता है। इसके अलावा और भी प्रश्न उठते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच सीजफायर करवाया। इस पर प्रधानमंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, उन्होंने इस बात का खंडन भी नहीं किया। यदि सभी प्रश्नों पर चर्चा की जाती है तो कई महत्वपूर्ण बातें सामने आएंगी।
वहीं, बिहार एसआईआर पर फौजिया खान ने कहा कि विपक्ष एसआईआर के खिलाफ नहीं है। सबसे पहले, यह समझना आवश्यक है कि एसआईआर आवश्यक है, और हम इसका स्वागत करते हैं। इस देश के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार होना चाहिए, और चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए। लेकिन, जो लोग भारत के नागरिक नहीं हैं, उन्हें वोट देने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए, यह प्रक्रिया होनी चाहिए और बहुत पहले होनी चाहिए थी। प्रश्न यह है कि इतने वर्षों बाद अब क्यों? यदि एसआईआर की शुरुआत की गई भी है तो ऐसे समय में जब बिहार में चुनाव होने वाले हैं। लेकिन, एक असली मतदाता भी मतदान नहीं कर पाता है तो उसका अधिकार मारा गया। यह लोकतंत्र पर हमला है, इसलिए विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।
एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर फौजिया खान ने कहा कि मुझे यह बहुत अजीब लगता है कि एक ओर हम एक देश को कड़ा संदेश दे रहे हैं कि वह हमारी ओर दुश्मनी की नजर से न देखे, और पूरा देश इस पर एकजुट है। दूसरी ओर, आप उसी देश के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं।