क्या पश्चिम बंगाल में होटल पर छापेमारी कर नाबालिग और दो महिलाओं को तस्करी से मुक्त किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है।
- पुलिस की कार्रवाई
- तस्करों का जाल बुरी तरह फैला हुआ है।
- सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है।
- सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
कोलकाता, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) ने एक बड़े तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में दो महिलाओं को मुक्त कराया गया, जबकि पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उल्टाडांगा थाना क्षेत्र के होटल मैजेस्टिक इन में 30 अक्टूबर को की गई छापेमारी में एक लगभग 15 वर्षीय नाबालिग लड़की और एक 24 वर्षीय महिला को यौन शोषण के जाल से बचाया गया। पुलिस ने एक महिला तस्कर सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, और होटल को ताला लगाकर सील कर दिया गया। यह मामला बीएनएस और पोक्सो एक्ट की धारा के तहत, साथ ही अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम (आईएमटी) की धारा 7 के तहत दर्ज किया गया है।
सूचना के आधार पर दोपहर लगभग 4:50 बजे छापेमारी की गई। 2ई, गुरुदास दत्ता गार्डन लेन, कोलकाता-67 स्थित इस होटल के कमरा नंबर 303 से नाबालिग लड़की को और कमरा नंबर 302 से वयस्क महिला को मुक्त कराया गया। दोनों महिलाएं बाहरी राज्यों से तस्करी कर लाई गई थीं और जबरन वेश्यावृत्ति में धकेल दी गई थीं।
छापे के दौरान एक महिला तस्कर (सीसीएल लड़की) को भी पकड़ा गया, जिसकी नाबालिग और वयस्क पीड़िता की तस्करी में प्रत्यक्ष भूमिका पाई गई। जब्त सामान में 5,000 रुपए के नकली नोट, निरोधक आदि शामिल हैं, जो अपराध की साजिश को उजागर करते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में सुभ्रज्योति बिस्वास (44 वर्ष), कुशमंडी, उत्तर दिनाजपुर (वेश्यालय संचालक), हिमांशु सिंह (28 वर्ष), बिहार के गंगपुर सिसवास (वेश्यालय प्रबंधक), अरुण पात्रा (32 वर्ष), पूर्व मेदिनीपुर (चौकीदार के रूप में संलिप्त) और लाल्टू घटन (25 वर्ष), पूर्व मेदिनीपुर (सहयोगी) शामिल हैं। ये सभी बिहार और पूर्वी बंगाल के विभिन्न जिलों से जुड़े हैं, जो अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क का संकेत देते हैं। पुलिस ने होटल की अचल संपत्तियों की सूची तैयार की है, लेकिन अभी जब्ती नहीं की गई। जांच के दौरान होटल की चाबी जब्त कर ली गई और पूरा परिसर सील कर दिया गया।