क्या पश्चिम बंगाल में नाबालिग से रेप के दोषी को 10 साल की कठोर सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- दोषी को 10 साल की कठोर सजा मिली।
- 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
- 3 लाख रुपए का मुआवजा पीड़िता को दिया जाएगा।
मुर्शिदाबाद, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक नाबालिग के साथ बलात्कार के एक पुराने मामले में, विशेष अदालत ने 10 साल बाद दोषी को सजा सुनाई है।
अतिरिक्त जिला न्यायिक विशेष न्यायालय के न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता ने इस्लामपुर के पाहड़पुर पोमाईपुर क्षेत्र के निवासी साकिफुल शेख को इस मामले में
10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
सजा के साथ ही अदालत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पीड़िता के पुनर्वास के लिए सरकार से 3 लाख रुपए के मुआवजे का आदेश भी दिया।
यह मामला पॉक्सो अधिनियम के तहत 25 मार्च 2015 को दर्ज किया गया था। इस लंबे और कठिन मामले में सरकारी अभियोजक शाहना परवीन और मुखलेस अहमद ने पीड़िता की ओर से पैरवी की। उनके प्रयासों के कारण अंततः न्याय सुनिश्चित हो सका।
फैसले के बाद पीड़िता के परिवार ने कहा कि 10 साल की लंबी प्रक्रिया अब समाप्त हुई है और उन्हें न्याय मिला है।
जज जितेंद्र गुप्ता ने लालबाग स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट से यह आदेश जारी करते हुए बरहमपुर सेंट्रल करेक्शनल होम के अधीक्षक को दोषी को हिरासत में लेने और सजा को प्रभावी करने का निर्देश दिया है।