क्या पर्सनल लोन के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा गया?
सारांश
Key Takeaways
- सतर्कता
- फर्जी दस्तावेज
- पुलिस से संपर्क
- डाटा सुरक्षा
- जागरूकता
- फर्जी दस्तावेज
ग्रेटर नोएडा, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक चालाक गिरोह का थाना साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी लोन सैंक्शन लेटर भेजकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हिमांशु दुबेकपिल देव दुबे और हिमांशु पुत्र नरेंद्र के रूप में हुई है। साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, एनसीआरपी पोर्टल पर मंगलवार को दर्ज विभिन्न शिकायतों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की गई। जांच के दौरान सामने आया कि अभियुक्त निजी कंपनियों से प्राप्त डाटा का दुरुपयोग कर लोन के जरूरतमंद लोगों को फोन कॉल के माध्यम से संपर्क करते थे। इसके बाद उन्हें पर्सनल लोन दिलाने का झांसा देकर फर्जी लोन सैंक्शन लेटर तैयार कर व्हाट्सएप के जरिए भेजते थे।
जैसे ही पीड़ित प्रोसेसिंग फीस या सैंक्शन फीस के नाम पर पैसे भेज देता था, कुछ समय बाद अभियुक्त फर्जी दस्तावेज डिलीट कर देते थे और संपर्क भी समाप्त कर लेते थे। पूछताछ में अभियुक्तों से पता चला है कि वे पहले सेक्टर-2, नोएडा स्थित एक निजी कंपनी में साथ काम करते थे, जहां से उन्होंने डाटा प्राप्त किया। उसी डाटा के आधार पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया। ठगी से प्राप्त रकम को दोनों आपस में बांट लेते थे।
पुलिस ने बताया कि हिमांशु दुबे ने ठगी से अर्जित पैसे से हाल ही में एक महंगा गूगल पिक्सल मोबाइल फोन खरीदा था, जिसे बरामद कर लिया गया है। हिमांशु दुबे, उम्र करीब 28 वर्ष, वर्तमान निवासी मधु बिहार, खोड़ा कॉलोनी, गाजियाबाद है, जबकि उसका मूल पता करनैलगंज, जिला गोंडा है।
दूसरा अभियुक्त हिमांशु पुत्र नरेंद्र, उम्र करीब 25 वर्ष, न्यू अशोक नगर, दिल्ली का निवासी है, और उसका मूल निवास जिला मेरठ बताया गया है। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल फोन सिम कार्ड सहित बरामद किए हैं।
साइबर क्राइम पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर पर्सनल लोन के नाम पर कोई अज्ञात व्यक्ति प्रोसेसिंग फीस या सैंक्शन फीस मांगता है तो सतर्क रहें, क्योंकि यह हमेशा ठगी होती है।