क्या आपको पेट की गैस या एसिडिटी है? जानें सही पहचान और प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय

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क्या आपको पेट की गैस या एसिडिटी है? जानें सही पहचान और प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय

सारांश

क्या पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या आपको परेशान कर रही है? जानिए इसके बीच का अंतर और जानें प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार। सही पहचान से ही मिलेगी त्वरित राहत।

Key Takeaways

  • गैस और एसिडिटी के लक्षणों में अंतर समझें।
  • आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करें।
  • हल्का और समय पर भोजन करें।
  • तनाव को कम करने का प्रयास करें।
  • पानी का अधिक सेवन करें।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पेट की गैस और एसिडिटी अक्सर एक दूसरे के समान प्रतीत होते हैं, लेकिन इनमें महत्वपूर्ण अंतर है। ये दोनों विभिन्न कारणों से उत्पन्न होते हैं, इसलिए सही पहचान आवश्यक है ताकि प्रभावी उपचार किया जा सके और शीघ्र राहत प्राप्त हो सके।

गैस तब उत्पन्न होती है जब पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। जब खाना धीरे-धीरे पचता है, तब आंतों में हवा का भराव होता है, जिससे पेट में फूलने और भारीपन का अनुभव होता है। इसके साथ ही, अधिक डकारें भी महसूस हो सकती हैं। कब्ज, जल्दी-जल्दी खाना, दिन में बार-बार चाय पीना या दाल, गोभी, चना जैसी चीजें खाना गैस को बढ़ा सकती हैं। तनाव भी पाचन को प्रभावित कर सकता है, जिससे गैस बनती है। आयुर्वेद में इसे वात का असंतुलन कहा जाता है। गैस कम करने के लिए हल्दी, अजवाइन और सौंठ के उपयोग को लाभकारी माना गया है।

वहीं, एसिडिटी में पेट के ऊपरी हिस्से में जलन का अनुभव होता है। सीने में जलन, मुंह में खट्टा स्वाद और खाना ऊपर की ओर लौटने जैसा अनुभव एसिडिटी के लक्षण हैं। मसालेदार या अत्यधिक तैलीय भोजन, देर रात का खाना, अधिक चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक इसके लक्षणों को बढ़ाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इसे पित्त का असंतुलन माना जाता है। नारियल पानी और सौंफ पीने से राहत मिलती है। ठंडा दूध और गुड़ भी एसिडिटी में कमी लाने में सहायक हैं। समय पर हल्का भोजन करना भी पेट को आराम देता है।

गैस और एसिडिटी के बीच अंतर समझने का सरल तरीका यह है कि गैस में पेट के निचले हिस्से में भारीपन और अधिक डकारें होती हैं, जबकि एसिडिटी में सीने और पेट के ऊपरी हिस्से में जलन और खट्टा स्वाद का अनुभव होता है। आयुर्वेद में दोनों की जड़ें और उपाय अलग-अलग बताए गए हैं। इसलिए, सही उपचार के लिए पहले पहचान आवश्यक है।

गैस के लिए हल्दी, अजवाइन और सौंठ का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। कब्ज होने पर दिन में अधिक पानी पिएं और हल्का भोजन करें। एसिडिटी में नारियल पानी, सौंफ, ठंडा दूध और गुड़ का सेवन फायदेमंद होता है। मसालेदार और तैलीय भोजन को कम करें, और दिन में छोटे-छोटे भोजन करें।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को गंभीरता से लें। पेट की गैस और एसिडिटी के सही पहचान और उपचार के माध्यम से हम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जा सकते हैं। इसकी सही जानकारी से ही हम समाज में जागरूकता बढ़ा सकते हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

पेट की गैस और एसिडिटी के लक्षण क्या हैं?
पेट की गैस में भारीपन और डकारें होती हैं, जबकि एसिडिटी में जलन और खट्टा स्वाद का अनुभव होता है।
गैस को कम करने के लिए कौन से आयुर्वेदिक उपाय हैं?
हल्दी, अजवाइन और सौंठ का उपयोग गैस को कम करने में सहायक है।
एसिडिटी से राहत के लिए क्या करना चाहिए?
नारियल पानी, ठंडा दूध और गुड़ का सेवन एसिडिटी में राहत दिला सकता है।
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