क्या पीएम मोदी 22 सितंबर को पुनर्विकसित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का उद्घाटन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी 22 सितंबर को त्रिपुरा का दौरा करेंगे।
- उद्घाटन होने वाले त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का पुनर्विकास किया गया है।
- राज्य सरकार पर्यटन स्थलों के विकास पर ध्यान दे रही है।
- इस परियोजना में 52 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया है।
- मुख्यमंत्री माणिक साहा ने विकास योजनाओं का जिक्र किया।
अगरतला, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 सितंबर को त्रिपुरा का दौरा करेंगे और दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर में स्थित प्रसिद्ध त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के पुनर्विकसित परिसर का उद्घाटन करेंगे।
यह मंदिर हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे राज्य का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सिपाहीजाला जिले के मेलाघर में आयोजित नीरमहल जल उत्सव के समापन समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भाजपा सरकार लगातार कार्यरत है।
सीएम साहा ने बताया कि प्रधानमंत्री न केवल मंदिर का उद्घाटन करेंगे, बल्कि वहां पूजा-अर्चना भी करेंगे। यह मंदिर अगरतला से लगभग 65 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। उन्होंने कहा, "मैंने पहले ही प्रधानमंत्री को इस मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था।"
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ‘प्रसाद’ योजना (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान) के तहत इस 524 साल पुराने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का पुनर्विकास किया गया है। इस परियोजना पर 52 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है, जिसमें से त्रिपुरा सरकार ने 7 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
इसके अलावा, राज्य सरकार गोंमती जिले के बंदुआर में 51 शक्तिपीठों के पार्क का निर्माण भी करवा रही है, जिसकी लागत 97 करोड़ रुपए है। इसमें सभी 51 शक्तिपीठों की प्रतिकृतियां बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने नीरमहल की भव्यता का उल्लेख करते हुए कहा, "पूरे पूर्वी भारत में ऐसा अनोखा जल महल कहीं नहीं है।" उन्होंने कहा कि इस अद्वितीय स्थल की पहचान देश-विदेश में होनी चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से सबको इसकी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आएं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
नीरमहल, जिसका अर्थ होता है "जल महल," एक खूबसूरत राजमहल है जो रुद्रसागर झील के बीचों-बीच स्थित है। यह अगरतला से 53 किलोमीटर दक्षिण में है और इसे 1930 में पूर्व राजा महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य ने मुगल स्थापत्य से प्रेरित होकर अपनी ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में बनवाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत नीरमहल के राज घाट को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी देश की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को संजोने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।"
सीएम साहा ने बताया कि आज त्रिपुरा पूर्वोत्तर भारत में प्रति व्यक्ति आय और जीडीपी में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा, "हम ग्रामीण विकास पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं और सबको मिलकर 'एक त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा' बनाने की दिशा में काम करना होगा।"
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री किशोर बर्मन, सिपाहीजाला जिला परिषद की सभाधिपति सुप्रिया दास दत्ता, विधायक तफज्जल हुसैन, जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ शिव जैसवाल, पुलिस अधीक्षक बिजॉय देबबर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।