क्या प्रधानमंत्री मोदी से मिले आईएफएस 2024 बैच के 33 प्रशिक्षु अधिकारी?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी से मिले आईएफएस 2024 बैच के 33 प्रशिक्षु अधिकारी?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 बैच के 33 प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत की, जहां उन्होंने भविष्य की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। यह मुलाकात न केवल उनके प्रशिक्षण का मूल्यांकन करती है, बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका को भी उजागर करती है।

Key Takeaways

  • भारत की विदेश नीति पर चर्चा हुई।
  • प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के भविष्य का राजदूत बताया गया।
  • तकनीक और संवाद की महत्ता पर जोर दिया गया।
  • ग्लोबल साउथ के लिए भारत के प्रयासों का उल्लेख।
  • भारत के स्टार्टअप्स के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में नई संभावनाएं।

नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 2024 बैच के 33 प्रशिक्षु अधिकारियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। ये अधिकारी देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। पीएम मोदी ने इन अधिकारियों से कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की और उन्हें भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया।

उन्होंने भारत की विदेश नीति, वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका और तकनीक की दुनिया में संवाद की महत्ता पर खास जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज की मल्टीपोलर दुनिया में भारत ने 'विश्वबंधु' की खास पहचान बनाई है। उन्होंने कई ऐसे उदाहरण बताए जब भारत ने जरूरत पड़ने पर अन्य देशों की मदद के लिए सबसे पहले सहायता भेजी, चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या कोई अन्य संकट।

उन्होंने बताया कि भारत ने ग्लोबल साउथ के लिए लगातार क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और विकास की दिशा में प्रयास किए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में विदेश सेवा अधिकारी की बड़ी भूमिका है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को याद दिलाया कि वे भारत के भविष्य के राजदूत हैं और विदेशों में भारत की सकारात्मक छवि को मजबूत करने की जिम्मेदारी उनकी होगी।

प्रधानमंत्री ने बताया कि आज के तकनीकी युग में संवाद की भूमिका बहुत अहम हो गई है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों की वेबसाइटों को अच्छी तरह से देखें और विचार करें कि उन्हें और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ताकि भारतीय प्रवासी समुदाय से संवाद और सशक्त हो सके।

पीएम मोदी ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे अन्य देशों के युवाओं में भारत के प्रति उत्सुकता जगाएं। उन्होंने कहा कि 'नो योर भारत' जैसे क्विज और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि क्विज में समकालीन विषय भी जोड़े जाएं, जैसे महाकुंभ, गंगैकोंडा चोलापुरम मंदिर के 1000 वर्ष पूरे होने का उत्सव, आदि।

प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र पर भी बात की और बताया कि अब जब यह क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल गया है, तो भारत के स्टार्टअप्स के लिए दुनिया भर में नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करने की क्षमता है।

पीएम मोदी ने प्रशिक्षु अधिकारियों से सीधी बातचीत की और पूछा कि अब तक उनके प्रशिक्षण का अनुभव कैसा रहा। अधिकारियों ने भी अपने रिसर्च और विषयों को साझा किया, जिनमें समुद्री कूटनीति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आयुर्वेद, संस्कृति, भोजन और सॉफ्ट पावर जैसे विषय शामिल थे।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि भारत की विदेश नीति में युवा नेतृत्व की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री मोदी का मार्गदर्शन इन अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के सशक्त प्रतिनिधि बनने में मदद करेगा।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

आईएफएस 2024 बैच के अधिकारियों की संख्या कितनी है?
आईएफएस 2024 बैच में कुल 33 प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस विषय पर जोर दिया?
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति और तकनीक के महत्व पर जोर दिया।
प्रशिक्षु अधिकारियों का प्रशिक्षण अनुभव कैसा था?
प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण अनुभव को साझा किया जिसमें कई महत्वपूर्ण विषय शामिल थे।
भारत की विदेश नीति में प्रशिक्षु अधिकारियों की भूमिका क्या है?
प्रशिक्षु अधिकारी भारत के भविष्य के राजदूत हैं और उनकी भूमिका विदेश में भारत की छवि को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने संवाद के लिए क्या सुझाव दिए?
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय मिशनों की वेबसाइटों को बेहतर बनाने का सुझाव दिया।