क्या पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत हुई।
- भारत-फ्रांस द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की गई।
- ग्लोबल शांति में भारत की भूमिका पर जोर दिया गया।
- रक्षा, अंतरिक्ष, और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से संवाद किया। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर गहन चर्चा की। साथ ही, द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट पर इस विषय की जानकारी साझा की।
पीएम मोदी ने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "राष्ट्रपति मैक्रों के साथ एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया। यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में एक अहम भूमिका निभाएगी।"
यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि भारत और फ्रांस के संबंध केवल राजनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी गहरे हैं। दोनों देश पिछले कुछ वर्षों से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्यरत हैं, जिनमें रक्षा उत्पादन, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं। इस बातचीत ने इन परियोजनाओं की स्थिति को और मजबूत किया है।
यह संवाद यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन द्वारा पीएम मोदी से बातचीत के दो दिन बाद हुआ, जिसमें उन्होंने भारत की भूमिका को यूक्रेन में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण बताया था।
प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की दोनों के संपर्क में हैं। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे घातक युद्ध को समाप्त करने के लिए बार-बार बातचीत और कूटनीति को अपनाने का आग्रह किया है।
तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में पुतिन से मिलने के दौरान, पीएम मोदी ने जेलेंस्की से यूक्रेन में युद्ध और शांति की संभावनाओं पर बातचीत की थी।
बातचीत के बाद, जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि भारत शिखर सम्मेलन के दौरान "रूस और अन्य नेताओं को उचित संकेत" देने के लिए तैयार है। ११ अगस्त को भी पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच संवाद हुआ था।