क्या पीएम मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री से जल संसाधन और नवाचार पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- जल संसाधन और नवाचार पर चर्चा हुई।
- एआई के मानव-केंद्रित प्रयोगों की आवश्यकता।
- भारत फरवरी २०२६ में एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
- द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प।
जोहान्सबर्ग, २३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 'जी20 लीडर्स समिट' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कूफ से भेंट की। इस मुलाकात में जल संसाधन, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए बताया कि जोहान्सबर्ग में 'जी20 शिखर सम्मेलन' के दौरान उन्होंने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कूफ से विचार-विमर्श किया। इस दौरान जल संसाधन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने रविवार को अपने दौरे के तीसरे दिन जी20 समिट के तीसरे सत्र को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एआई को वैश्विक भलाई के लिए उपयोगी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पारदर्शिता, मानव निगरानी, डिजाइन द्वारा सुरक्षा और दुरुपयोग की रोकथाम पर आधारित वैश्विक समझौते का आह्वान किया।
जी20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई को मानव क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय मनुष्यों को ही लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी प्रयोगों को 'वित्त-केंद्रित' के बजाय 'मानव-केंद्रित', 'राष्ट्रीय' के बजाय 'वैश्विक', और 'विशिष्ट मॉडलों' के बजाय 'ओपन सोर्स' पर आधारित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में इस दृष्टिकोण को शामिल किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष उपयोगों, एआई और डिजिटल भुगतान में महत्वपूर्ण लाभ हुए हैं।
उन्होंने समान पहुंच, जनसंख्या-स्तरीय कौशल विकास और जिम्मेदारीपूर्ण तैनाती पर आधारित एआई के प्रति भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। भारत फरवरी २०२६ में 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' विषय पर एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा और सभी जी20 देशों को इस प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।