क्या पूरे देश ने अटल बिहारी वाजपेयी का मार्गदर्शन अभिभावक के रूप में लिया? : सीएम योगी
सारांश
Key Takeaways
- अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान भारतीय राजनीति में अद्वितीय है।
- उनकी कविताएं लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
- सीएम योगी ने उनकी शताब्दी महोत्सव पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
- राष्ट्र प्रेरणा स्थल में उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं।
- यह स्थल लखनऊ में सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए प्रमुख स्थान है।
लखनऊ, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने छह दशक तक भारतीय राजनीति को नई ऊंचाई प्रदान की, इसे मूल्यों और आदर्शों से जोड़ा। राजनीति में हम किसी भी दिशा में रहें, लेकिन अपनी पहचान को बनाए रखते हुए इसे आगे बढ़ा सकते हैं।
सीएम योगी ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेरणा, संघर्ष और संकल्प उनकी कविताओं में भी स्पष्ट दिखाई देता है। वे एक कवि, लेखक, पत्रकार, और दूरदर्शी नेता थे। पूरे देश ने अभिभावक के रूप में उनका मार्गदर्शन लिया है। पूरी दुनिया भी उनका सम्मान करती थी। अटल भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह की उपस्थिति में बुधवार को ‘अटल गंगा कार्यक्रम’ को संबोधित किया। अतिथियों ने ‘अटल महानायक’ पुस्तिका का विमोचन और पहले ई-बुक का भी लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया।
सीएम योगी ने अटल की कविता ‘बिना हार माने, बिना रार ठाने’ का उल्लेख किया और कहा कि जब भी किसी नागरिक के सामने संकट आता है, उनकी कविताएं प्रेरणा बनती हैं। अटल एक कवि हृदय थे, लेकिन देश के लिए उन्होंने उतनी ही दृढ़ता से कार्य किया। उनके जैसा दूरदर्शी नेता कोई नहीं हुआ। ग्राम्य विकास, नगरीय कनेक्टिविटी, और गरीब कल्याणकारी योजनाएं उनके संकल्प का हिस्सा थीं, जो पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपने ‘अंत्योदय’ की दिशा में अग्रसर करती हैं।
सीएम योगी ने कहा कि जब अटल जी ने भाजपा की कमान संभाली, तब परिस्थितियाँ विपरीत थीं। फिर भी उन्होंने दृढ़ता से कार्य किया और कहा कि ‘अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा’। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि वे भाजपा से लड़ें, भारत से नहीं। यह केवल कोई दूरदर्शी नेता ही कह सकता है। अटल जी की कविता ‘मेरे प्रभु, मुझे इतनी ऊंचाई न देना कि गैरों को गले न लगा सकूं’ हर कार्यकर्ता, विचार परिवार और हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। सीएम ने कहा कि अटल की शताब्दी महोत्सव पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हर स्कूल, कॉलेज में प्रतियोगिताएं भी कराई।
सीएम योगी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण करने लखनऊ आ रहे हैं। इस स्थल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की ६५-६५ फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित हैं। डिजिटल म्यूजियम के माध्यम से उनके विचार दर्शन देखने को मिलेंगे। जो भी वहां जाएगा, वह अभिभूत होकर लौटेगा। सीएम ने राष्ट्रीय विचारधारा का जिक्र करते हुए कहा कि यह विचारधारा देश को नेतृत्व देते हुए नए भारत के रूप में हम सभी को आगे बढ़ा रही है।
सीएम योगी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल की विशेषताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वहां ओपन थियेटर में तीन हजार लोग बैठ सकते हैं। वहाँ का मंच भी बहुत बड़ा है। उस मैदान में एक साथ दो लाख लोग जुट सकते हैं। लखनऊ में सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यह सबसे बड़ा स्थल है। चार हजार बसों और चार पहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है। कार्यक्रम के लिए वहाँ स्थान की कमी नहीं होगी।
कार्यक्रम का संयोजन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया। ‘अटल गीत गंगा’ में कवि कुमार विश्वास ने एकल कविता पाठ भी किया।
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, सांसद बृजलाल, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान आदि की मौजूदगी रही।