क्या प्रधानमंत्री मोदी की ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुई?

सारांश
Key Takeaways
- परीक्षा पे चर्चा ने 3.53 करोड़ पंजीकरण के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने इसे तनावमुक्त शिक्षा का माध्यम बनाया है।
- यह कार्यक्रम 2018 से निरंतर चल रहा है।
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की मान्यता ने इसे और प्रमुखता दी है।
- इसने शिक्षा के क्षेत्र में जनभागीदारी को बढ़ावा दिया है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्कृष्ट पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी) को “एक महीने में नागरिक सहभागिता मंच पर सर्वाधिक लोगों के पंजीकरण” के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान वर्ष 2025 में आयोजित कार्यक्रम के आठवें संस्करण के दौरान 3.53 करोड़ वैध पंजीकरण के अभूतपूर्व आंकड़े को मान्यता देता है।
‘परीक्षा पे चर्चा’ को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा माईगव के सहयोग से 2018 से सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है। यह एक अद्वितीय वैश्विक मंच है, जहां प्रधानमंत्री मोदी विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ सीधा संवाद करते हैं।
इस पहल का उद्देश्य परीक्षा के मौसम को सकारात्मकता, तैयारी और उद्देश्यपूर्ण शिक्षण का उत्सव बनाना है। इससे परीक्षाएं तनाव का नहीं, बल्कि प्रोत्साहन का अवसर बन जाती हैं।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का आधिकारिक प्रमाण पत्र नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण), राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, माईगव के सीईओ एवं अन्य प्रमुख हितधारक उपस्थित रहे। रिकॉर्ड की घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने की।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘परीक्षा पे चर्चा’ ने परीक्षा प्रणाली को एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पुनर्परिभाषित किया है, जिसमें तनाव को सीखने के उत्सव में बदला गया है। पीपीसी 2025 को 21 करोड़ से अधिक दर्शकों ने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देखा। यह देश के समावेशी और समग्र शिक्षा के प्रति सामूहिक संकल्प का परिचायक है और विकसित भारत के विजन के अनुरूप है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को एक मंच पर लाकर तनावमुक्त और कल्याणकारी शिक्षण को बढ़ावा देने वाली अनोखी पहल बताया। उन्होंने कहा कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि जनता को इस कार्यक्रम पर अटूट भरोसा है।
जितिन प्रसाद ने कहा कि इसने तकनीक के माध्यम से जनभागीदारी को गहरा किया और पीपीसी की पहुंच को राष्ट्रीय स्तर तक विस्तारित किया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तनावमुक्त और आनंददायक शिक्षण पर बल देती है, जो रट्टा-शिक्षा से हटकर अनुभव आधारित और आलोचनात्मक सोच पर केंद्रित है। इस दिशा में 'परीक्षा पे चर्चा' अब एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है, जो छात्रों को स्व-अभिव्यक्ति और आत्मविकास के अवसर देता है।