क्या मनजिंदर सिरसा का 'आप' पर प्रदूषण के मुद्दे पर आरोप सही हैं?

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क्या मनजिंदर सिरसा का 'आप' पर प्रदूषण के मुद्दे पर आरोप सही हैं?

सारांश

दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा और आप के बीच तीखी बहस। मनजिंदर सिरसा ने केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। क्या यह आरोप सही हैं? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है।
  • आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
  • पटाखों का प्रदूषण पर प्रभाव कम है।
  • सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के बाद प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल तीव्र हो गया है। मंगलवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर सख्त हमला किया। उन्होंने कहा कि आप जानबूझकर दीपावली और सनातन धर्म का अपमान कर रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में, सिरसा ने एक वीडियो प्रस्तुत किया और आरोप लगाया कि पंजाब में किसानों को जबरन पराली जलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

सिरसा ने कहा, "आम आदमी पार्टी दीपावली को भाजपा का पर्व बताकर लोगों को गुमराह कर रही है, जबकि यह एक पवित्र सनातन धर्म का त्योहार है। अरविंद केजरीवाल की टीम इस पवित्र पर्व को कोस रही है। मैं पूछता हूं कि यह किस हक से रामजी के पर्व को अपवित्र बता रहे हैं? विपक्ष होना एक बात है, लेकिन धर्म और उसकी परंपरा का अपमान क्यों?"

उन्होंने आगे कहा कि यह औरंगजेब के समर्थकों का दृष्टिकोण है, जो आज सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं। केजरीवाल और उनकी टीम केवल एक धर्म को खुश करने के लिए हिन्दू आस्थाओं का अपमान कर रही है।

सिरसा ने कहा कि आंकड़े यह साबित करते हैं कि पटाखों से प्रदूषण में कोई बड़ा फर्क नहीं आया। उन्होंने कहा, "इस बार दीपावली से पहले दिल्ली का एक्यूआई 335 था और दीपावली के बाद 356 हुआ। यानी सिर्फ 21 प्वाइंट का फर्क आया। कई बार तो जब पटाखे पूरी तरह बैन थे, तब 32 प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई थी, तो आखिर पटाखों को दोष क्यों दिया जा रहा है?"

उन्होंने कहा, "सड़कों पर खुलेआम बकरे काटे जाते हैं, लेकिन क्या अरविंद केजरीवाल कभी उन पर रोक लगाते थे? क्योंकि वे केवल एक धर्म को खुश करना चाहते थे। यह दोहरा रवैया दिल्ली की जनता समझ चुकी है।"

दिल्ली के मंत्री ने कहा कि केजरीवाल की सरकार ने पिछले 10 साल में दिल्ली को 27 साल पीछे धकेल दिया।

उन्होंने कहा, "हमने अब तक 27 हजार मीट्रिक टन कचरा हटाया है, लेकिन केजरीवाल सरकार की लापरवाही ने दिल्ली को कचरे और प्रदूषण के ढेर में बदल दिया। पिछले सात महीनों में हमने उस बीमारी पर काम शुरू किया है जो 27 साल से चली आ रही थी।"

सिरसा ने कहा कि दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में निगम पूरी मेहनत से काम कर रहा है। हर स्तर पर प्रदूषण घटाने के कदम उठाए जा रहे हैं। सड़क सफाई से लेकर डस्ट कंट्रोल तक, हर काम में टीम जुटी है।

सिरसा ने आरोप लगाया कि सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में हुई हैं, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। उन्होंने कहा, "दिल्ली की हवा को खराब करने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है। वहां किसानों को सही विकल्प नहीं दिए जा रहे। उल्टा, उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे पराली जलाएं ताकि इसका असर दिल्ली पर पड़े।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है, जो केवल राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों का स्वास्थ्य और कल्याण प्रभावित करता है। हमें ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है और सभी पक्षों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें वाहनों का बढ़ता हुआ संख्या, उद्योगों की गतिविधियां और पराली जलाने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
क्या दीपावली के पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है?
हालांकि पटाखों से प्रदूषण में वृद्धि होती है, लेकिन आंकड़े यह साबित करते हैं कि यह अकेला कारण नहीं है।
किस प्रकार की नीतियों को अपनाया जाना चाहिए?
सरकार को प्रभावी नीतियों और विकल्पों की तलाश करनी चाहिए, जो प्रदूषण को कम करने में मदद करें।