क्या सहयोगी साथियों को समाप्त करना भाजपा का पुराना खेल है? प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप

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क्या सहयोगी साथियों को समाप्त करना भाजपा का पुराना खेल है? प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप

सारांश

प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा पर सहयोगी दलों के खिलाफ विश्वासघात का आरोप लगाया है। उनकी आलोचना में तालिबान की महिला विरोधी मानसिकता भी शामिल है। जानिए इस मुद्दे पर उनके तीखे बयान और भाजपा की राजनीति के बारे में।

Key Takeaways

  • भाजपा का सहयोगियों के प्रति विश्वासघात का इतिहास है।
  • तालिबान की महिला विरोधी मानसिकता की कड़ी आलोचना की गई।
  • केंद्रीय गृहमंत्री के बयानों पर सवाल उठाए गए।

नई दिल्ली, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने भाजपा पर सहयोगी दलों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया और तालिबान की महिला विरोधी मानसिकता पर तीखी टिप्पणी की। इसके साथ ही, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाल के बयान पर भी सवाल उठाए।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा का हमेशा से सहयोगियों को खत्म करने का इतिहास रहा है। उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार के बारे में कहा कि पहले दरवाजा बंद करने की बात की गई, लेकिन बाद में भाजपा ने उनके साथ मिलकर सरकार बना ली। भाजपा हमेशा सहयोगियों के कंधों पर चढ़कर मजबूत होती है और फिर उन्हें हाशिए पर धकेल देती है। चिराग पासवान के साथ भी अन्याय हुआ, उन्हें उनके घर और दल से बेदखल किया गया। यहां तक कि जीतन राम मांझी जैसे नेता भी अब भाजपा से नाराज हैं।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर सत्ता हासिल की, लेकिन बाद में पीठ में खंजर घोंपकर उसे कमजोर किया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश में मुस्लिम आबादी का बढ़ना घुसपैठ के कारण हो रहा है। प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि २०११ के बाद से २०२२ तक कोई जनगणना नहीं हुई, तो गृहमंत्री ऐसे बयान कैसे दे सकते हैं? अगर २०२२ के आंकड़े हैं, तो उन्हें चुनावी मंचों पर नहीं, बल्कि देश के सामने पेश करना चाहिए। भाजपा की राजनीति ध्रुवीकरण पर आधारित है और गृहमंत्री एक पक्ष की तरह बोल रहे हैं। जनता के सामने सच्चाई आनी चाहिए ताकि उकसावे के बजाय तथ्य स्पष्ट हों।

दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने के मामले पर भी प्रियंका चतुर्वेदी ने तालिबान की कड़ी आलोचना की।

उन्होंने कहा, "तालिबान की मानसिकता सभी जानते हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। यह शर्मनाक है कि अफगान दूतावास में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया।"

उन्होंने उम्मीद जताई कि विदेश मंत्रालय इस पर ध्यान देगा और तालिबान को एक पत्र लिखकर इस मुद्दे पर बात करेगा, जिसमें कहा जाएगा कि हमारे देश में चलन और मानदंड हमारे संविधान के अनुसार हैं। हमारे यहां प्रेस की आजादी और समानता भी है। महिलाओं को समान दर्जा दिया गया है। उन्हें इस तरह से बाहर रखना बेहद शर्मनाक है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों के बीच विश्वासघात की घटनाएँ लोकतंत्र को कमजोर कर सकती हैं। हमें चाहिए कि हम ऐसे मुद्दों पर चर्चा करें जो समाज में एकता और समानता को बढ़ावा दें।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा पर क्या आरोप लगाए?
प्रियंका चतुर्वेदी ने भाजपा पर सहयोगी दलों के खिलाफ विश्वासघात का आरोप लगाया है।
तालिबान की महिला विरोधी मानसिकता पर प्रियंका का क्या कहना है?
प्रियंका चतुर्वेदी ने तालिबान की महिला विरोधी मानसिकता की कड़ी आलोचना की है।
भाजपा और शिवसेना के संबंधों में क्या हुआ?
प्रियंका ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन किया, लेकिन बाद में उसे कमजोर किया।