क्या पुलवामा विधायक वहीद उर रहमान पारा ने मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जेकेसीसीई परीक्षा में आयु सीमा में छूट की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- उम्र में छूट का प्रस्ताव युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- कोविड-19 के कारण तैयारियों में बाधा आई है।
- उपराज्यपाल को पत्र लिखना एक प्रभावी कदम है।
- राज्य सरकार ने इस पर विचार किया है।
- युवाओं में अनिश्चितता बढ़ रही है।
जम्मू-कश्मीर, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमान पारा ने जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को एक पत्र लिखकर जम्मू कश्मीर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2025 (जेकेसीसीई) के लिए उम्मीदवारों को उम्र में छूट देने के प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी देने की अपील की है।
विधायक ने पत्र में उल्लेख किया है कि 7 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए राज्य के कई युवा उम्मीदवार काफी समय से तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, कुछ उम्मीदवारों ने कोविड-19 जैसी बाहरी परिस्थितियों के कारण अपनी तैयारी के महत्वपूर्ण वर्ष खो दिए हैं। इस संदर्भ में, इन युवाओं के लिए उम्र में छूट देने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसे राज्य सरकार ने कई बार उपराज्यपाल के पास मंजूरी हेतु भेजा, लेकिन अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
वहीद उर रहमान पारा ने इस पर चिंता जताते हुए लिखा कि इस लंबी चुप्पी के कारण उम्मीदवारों में अनिश्चितता और तनाव बढ़ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस प्रस्ताव को और लटकाया जाता है, तो इससे युवाओं में अलग-थलग होने की भावना उत्पन्न हो सकती है।
विधायक ने अपने पत्र में यह भी कहा कि एक सकारात्मक और समय पर निर्णय न केवल प्रशासनिक मुद्दे को हल करेगा, बल्कि यह युवाओं के प्रति दयालुता और संवेदनशीलता का प्रतीक बनेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जम्मू और कश्मीर के युवा एक भरोसेमंद और संवेदनशील प्रशासन के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने उपराज्यपाल से निवेदन किया कि उम्र में छूट के प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दी जाए, ताकि उम्मीदवार आगामी परीक्षा में आत्मविश्वास के साथ भाग ले सकें और उन्हें किसी प्रकार की अनिश्चितता का सामना न करना पड़े।
ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने फाइल को मंजूरी देकर औपचारिक रूप से उपराज्यपाल कार्यालय को भेज दिया है। अब अंतिम निर्णय राजभवन की ओर से लिया जाएगा।