क्या पुष्कर मेले में पुंगनूर नस्ल की गाय मुख्य आकर्षण बन गई है?

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क्या पुष्कर मेले में पुंगनूर नस्ल की गाय मुख्य आकर्षण बन गई है?

सारांश

पुष्कर मेले में पुंगनूर गाय की उपस्थिति ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। इस विलुप्तप्राय नस्ल की गायों के फायदे और पीएम मोदी के प्रभाव को जानें।

Key Takeaways

  • पुंगनूर गाय की ऊंचाई 16 से 36 इंच है।
  • यह गाय प्रतिदिन केवल 3 किलो चारा खाती है।
  • इस गाय का दूध औषधीय गुणों से भरपूर है।
  • पुंगनूर गाय की कीमत 2 लाख से 10 लाख रुपए तक हो सकती है।
  • इस नस्ल का संरक्षण जरूरी है।

पुष्कर, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2025 इस बार एक अनोखी देसी नस्ल की पुंगनूर गाय के कारण चर्चा में है। आंध्र प्रदेश की यह विलुप्तप्राय प्रजाति अपने छोटे कद, कम देखभाल में अधिक उत्पादन और औषधीय गुणों वाले दूध के लिए प्रसिद्ध है।

जयपुर से आए अभिराम ब्रीडिंग फार्म के संचालक अभिनव तिवारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पुंगनूर नस्ल की गाय की ऊंचाई केवल 16 से 36 इंच तक होती है, जबकि इसका वजन लगभग 150 से 200 किलोग्राम तक होता है। आश्चर्य की बात यह है कि यह गाय प्रतिदिन केवल तीन किलो चारा खाती है और डेढ़ से छह लीटर दूध देती है।

तिवारी ने बताया कि पुंगनूर नस्ल की गाय के दूध में ए2 प्रोटीन पाया जाता है, जो औषधीय दृष्टि से अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह दूध न केवल पचाने में आसान होता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। इस नस्ल की गायों की कीमत उनके गुण और शुद्धता के आधार पर दो लाख से दस लाख रुपए तक होती है।

उन्होंने बताया कि इन गायों की लोकप्रियता में एक बड़ा बदलाव तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने घर में पुंगनूर नस्ल की गाय पालने का जिक्र किया। पीएम मोदी के वीडियो और संदेशों के बाद इस प्रजाति की पहचान पूरे देश में फैल गई और इसकी कीमतों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। तिवारी ने कहा कि हम इस मेले में इन गायों को बेचने के लिए नहीं लाए हैं, बल्कि उनका उद्देश्य इनके संरक्षण, प्रचार और पहचान बढ़ाने का है, ताकि देश के अन्य हिस्सों में भी देसी नस्लों के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़े।

अभिनव तिवारी ने बताया कि उनके फार्म पर वर्तमान में 30 से अधिक पुंगनूर नस्ल की गायें हैं और वे इनके प्रजनन और संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नस्ल सूखे और सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इनकी देखभाल में कम लागत आती है और ये स्थानीय वातावरण में आसानी से ढल जाती हैं।

पुंगनूर नस्ल की गायों के साथ ही तिवारी अपने फार्म से सबसे छोटी नस्ल के घोड़े भी पुष्कर मेले में लेकर आए हैं, जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यह छोटे कद की देसी गाय और मिनी घोड़े न केवल मेले की रौनक बढ़ा रहे हैं, बल्कि देसी नस्लों के संरक्षण और आत्मनिर्भर कृषि पशुपालन का भी संदेश दे रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह हमें अपनी देसी नस्लों के प्रति जागरूक भी करता है। इस प्रकार के मेले देश में जैव विविधता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

पुंगनूर गाय की विशेषताएँ क्या हैं?
पुंगनूर गाय की ऊंचाई 16 से 36 इंच होती है और यह प्रतिदिन केवल 3 किलो चारा खाती है। इसका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
पुंगनूर गाय की कीमत क्या होती है?
इस नस्ल की गायों की कीमत दो लाख से दस लाख रुपए तक होती है, जो उनके गुण और शुद्धता पर निर्भर करती है।
क्या पीएम मोदी ने पुंगनूर गाय का जिक्र किया?
हाँ, पीएम मोदी ने अपने घर में पुंगनूर गाय पालने का जिक्र किया था, जिसके बाद इस नस्ल की पहचान बढ़ी।
पुंगनूर गाय का दूध क्यों विशेष है?
इस दूध में ए2 प्रोटीन होता है, जो पाचन में आसान और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
पुंगनूर गाय का संरक्षण क्यों जरूरी है?
यह नस्ल सूखे और सीमित संसाधनों वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और इसके संरक्षण से जैव विविधता बढ़ाई जा सकती है।