क्या पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ने लगी हैं?

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क्या पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ने लगी हैं?

सारांश

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं पुनः बढ़ने लगी हैं। हालिया आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 70 मामलों की पुष्टि हुई है। अमृतसर जिले में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। क्या यह समस्या किसानों के लिए और भी गंभीर होगी?

Key Takeaways

  • पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • अमृतसर जिला सबसे अधिक प्रभावित है।
  • सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।
  • पराली जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है।
  • किसानों को वैकल्पिक तरीकों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

चंडीगढ़, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में एक बार फिर पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। सरकार की सख्ती और जागरूकता अभियानों के बावजूद किसान अब भी खेतों में पराली जलाकर फसल के अवशेषों को नष्ट कर रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक कुल 70 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जिनमें सबसे अधिक मामले अमृतसर जिले से रिपोर्ट किए गए हैं।

इन मामलों को गम्भीरता से लेते हुए 20 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा, कुल 1.50 लाख रुपए

इस बार अमृतसर जिला पराली जलाने के मामलों में सबसे आगे है, जहां 42 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। यहां पराली जलाने के कारण लगभग 90,000 रुपए का जुर्माना भी किसानों पर लगाया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पराली जलाने के ये मामले आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं, क्योंकि धान की कटाई का सत्र अभी जारी है। राज्य सरकार ने पहले ही किसानों से अपील की थी कि वे पराली जलाने से बचें और इसके लिए उपलब्ध वैकल्पिक उपायों का सहारा लें।

सरकारी निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। कई स्थानों पर ड्रोन और सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी की जा रही है।

पंजाब सरकार किसानों को पराली के निपटारे के लिए सब्सिडी पर मशीनें जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रोटावेटर आदि उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा, जागरूकता अभियानों के माध्यम से किसानों को समझाया जा रहा है कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि उनकी खुद की ज़मीन की उर्वरता भी घटती है।

पराली जलाने से उठने वाला धुआं न केवल स्थानीय स्तर पर हवा को प्रदूषित करता है, बल्कि यह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी प्रदूषण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर पहले कई बार सख्त निर्देश दे चुकी हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पराली जलाने का मुद्दा न केवल कृषि के लिए, बल्कि पूरे पर्यावरण के लिए गंभीर है। किसानों को वैकल्पिक उपायों का उपयोग करने की आवश्यकता है, और सरकार को उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करनी चाहिए।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

पंजाब में पराली जलाने के कितने मामले सामने आए हैं?
पंजाब में अब तक कुल 70 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
किस जिले में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले हैं?
अमृतसर जिले में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
सरकार किसानों को पराली के निपटारे के लिए क्या सहायता दे रही है?
सरकार किसानों को पराली के निपटारे के लिए सब्सिडी पर मशीनें उपलब्ध करा रही है।
पराली जलाने से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
पराली जलाने से हवा में प्रदूषण बढ़ता है और यह स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
क्या पराली जलाने के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की गई है?
हाँ, 20 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उन पर जुर्माना भी लगाया गया है।