क्या नवजोत कौर सिद्धू ने आवारा पशुओं के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर सरकार को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- आवारा पशुओं की संख्या में वृद्धि मानव जीवन के लिए खतरा बन गई है।
- सरकार की बड़ी भूमि का अतिक्रमण गंभीर चिंता का विषय है।
- जन प्रतिनिधियों को मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
चंडीगढ़, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने बुधवार को पंजाब की शासन व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि पंजाब आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां शासन, करुणा और जन सुरक्षा को एक साथ आगे बढ़ाना आवश्यक है। सड़कों पर बढ़ते आवारा पशुओं का खतरा अब केवल पशु कल्याण का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह मानव जीवन, किसानों की आजीविका और शहरी सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की बड़ी जमीनें, जो मूल रूप से पशु कल्याण और गौशालाओं के लिए आरक्षित थीं, दुर्भाग्यवश अतिक्रमण का शिकार हो गई हैं। इससे राजमार्गों और शहरी सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या बढ़ी है, जिसके कारण बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे बहुमूल्य जीवन का नुकसान हो रहा है और मानव एवं पशु दोनों को भारी पीड़ा सहनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है, जैसे कि पशु कल्याण के लिए आरक्षित सार्वजनिक भूमि को पुनः प्राप्त करना, आवारा पशुओं का वैज्ञानिक पंजीकरण और टैगिंग, और इसके उपयोग का पारदर्शी लेखा-जोखा रखना। इसके अलावा, पंजाब भर में गौशालाओं और पशु आश्रयों को मजबूत बनाना, और सड़कों पर पशुओं को छोड़ने वालों की जवाबदेही सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा से समावेशी कल्याण में विश्वास करता आया है, जहां करुणा चयनात्मक नहीं होती और शासन केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि निवारक होना चाहिए। किसी भी गंभीर सरकार को योजना, क्रियान्वयन और सहानुभूति के माध्यम से अपने नागरिकों और बेजुबान प्राणियों दोनों की रक्षा करनी चाहिए, न कि केवल दिखावे के लिए।
उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों, नागरिक समाज और धार्मिक संगठनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पंजाब की सड़कें सुरक्षित हों, पशुओं की रक्षा हो, और सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग उनके उद्देश्य के लिए ही किया जाए।
पंजाब ऐसे शासन का हकदार है जो सुनता है, कार्य करता है, और परिणाम देता है, मानवता, उत्तरदायित्व और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित।