क्या पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष बने?
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत कुमार को शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- यह नियुक्ति शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए की गई है।
- उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग का विलय हुआ है।
- शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का लक्ष्य है।
- प्रशांत कुमार का प्रशासनिक अनुभव महत्वपूर्ण रहेगा।
लखनऊ, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार को राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। योगी सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
विशेष सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम, 2023 के संशोधित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2025 की धारा-4 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल ने डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है।
योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का विलय कर एकीकृत आयोग का गठन किया है। नए आयोग से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित, समयबद्ध और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं। वे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर रह चुके हैं और कानून-व्यवस्था, प्रशासनिक सुधार तथा पुलिस आधुनिकीकरण के क्षेत्र में उनके लंबे अनुभव को जाना जाता है।
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिसिंग में संरचनात्मक सुधारों की दिशा में कार्य किया। अब शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और संस्थागत नेतृत्व के प्रभावी उपयोग के तौर पर देखा जा रहा है।
-- राष्ट्र प्रेस
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