क्या पूर्व पीएम राजीव गांधी की जयंती पर खड़गे और प्रियंका गांधी ने श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- राजीव गांधी की 81वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई।
- खड़गे ने उनके योगदान को सराहा।
- उन्होंने मतदान की आयु को 18 वर्ष किया।
- प्रियंका गांधी ने प्रेम और करुणा की बात की।
- उनके सुधारों ने देश में परिवर्तन लाया।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक अद्वितीय नेता बताया, जिन्होंने देश को 21वीं सदी में पहुँचाया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा, "आज, जब हम सद्भावना दिवस मना रहे हैं, हम राजीव गांधी को याद करते हैं, एक असाधारण नेता जिन्होंने लाखों लोगों में आशा की किरण जगाई और भारत को 21वीं सदी में पहुँचाया। भारत के लिए उनकी अनगिनत उपलब्धियां राजीव गांधी की विरासत का प्रतीक हैं और देश में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आईं। हम उनकी जयंती पर उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"
उन्होंने आगे लिखा, "मतदान की आयु घटाकर 18 वर्ष करना, पंचायती राज को मजबूत करना, दूरसंचार और आईटी क्रांति, कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम, निरंतर शांति समझौते, महिला सशक्तिकरण, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और समावेशी शिक्षा पर जोर देने वाली नई शिक्षा नीति जैसे राजीव गांधी के अभूतपूर्व कदम देश में परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आए। हम भारत रत्न, राजीव गांधी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "विरासत में आप से करुणा, प्रेम और देशभक्ति का धर्म मिला। हम दोनों हमेशा के लिए ये धर्म निभाएंगे। न कोई तोड़ पाएगा, न कोई रोक पाएगा, न कभी हमारे कदम लड़खड़ाएंगे।"
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने लिखा, "भारत रत्न राजीव गांधी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि। उन्होंने हमें आधुनिकता, तकनीक और समावेशिता का विजन दिखाकर भारत की अर्थव्यवस्था को आकार दिया। राजीव गांधी जानते थे कि भारत का भविष्य उसके युवा हैं और उन्होंने मतदान की न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करके उन्हें हमारी विकास यात्रा में समान भागीदार बनाया।"
उन्होंने कहा, "राजीव गांधी के नेतृत्व में, हमने उनके अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से इतिहास बनते देखा, चाहे वह विवादास्पद विवादों को सुलझाने का मामला हो, दूरसंचार क्रांति का मामला हो, या हमारे देश के हितों के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन बनाने की उनकी असाधारण क्षमता का मामला हो। उनके द्वारा लाए गए पंचायती राज सुधारों ने भारत के उत्थान के लिए गांवों को सशक्त बनाने के महात्मा गांधी के सपने को साकार किया। हम आज भी हमारे देश की अखंडता के लिए उनके द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं।