क्या प्रतिबंधित कफ सिरप मामले में आरोपियों पर जल्द कठोर कार्रवाई होगी?
सारांश
Key Takeaways
- प्रतिबंधित कफ सिरप का मामला गंभीर है।
- सामूहिक हत्या का आरोप है।
- सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
- राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है।
- जांच एजेंसियां सक्रिय हैं।
जौनपुर, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित कफ सिरप मामले की जांच एजेंसियों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच, समाजवादी पार्टी की विधायक रागिनी सोनकर ने सरकार से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जाए।
रागिनी सोनकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह मामला बेहद गंभीर है और मेरा मानना है कि यह सामूहिक हत्या का मामला है। देश के विभिन्न हिस्सों से बच्चों और बुजुर्गों की मौतें हुई हैं। सरकार को उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि इस घटना से जुड़े सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे प्रत्यक्ष हों या अप्रत्यक्ष। जिन लोगों का इस घटना में हाथ है, वे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सरकार को चाहिए कि उन लोगों को शीघ्र गिरफ्तार कर पीड़ितों को न्याय दिलाए।
रागिनी सोनकर ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया था। पिछले दिन सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इसी मुद्दे को उठाया। आशा है कि आगामी विधानसभा सत्र में विपक्ष इस मामले पर चर्चा करेगा।
ड्रग्स विभाग पर निशाना साधते हुए रागिनी सोनकर ने कहा कि विभाग की मिली-जुली साठगांठ ने इस गंभीर घटना को जन्म दिया है। ऐसा लगता है कि इस घटना में शामिल लोगों को खुली छूट दी गई थी। सरकार और विभाग की जानकारी के बिना यह सब संभव नहीं हो सकता।
प्रतिबंधित कफ सिरप का यह मामला कई महीनों से चर्चा में है। इससे पहले कोडीन सिरप मामले में लखनऊ एसटीएफ ने अमित कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने ग्वारी चौराहे से अमित को गिरफ्तार किया था, जिसने बताया कि विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल से उसकी पहचान हुई थी। शुभम का एबॉट कंपनी के फेन्सेडिल कफ सिरप का बड़ा कारोबार रांची में है।