क्या राहुल गांधी देश के संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं? : मनीषा कायंदे

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
- मनीषा कायंदे का तीखा बयान
- संविधान और कानून का सम्मान आवश्यक है
- राजनीतिक बयानों का देश पर प्रभाव
- हिंदुत्व और तुष्टीकरण का मुद्दा
मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत-चीन तनाव पर की गई टिप्पणी के लिए फटकार लगाई है। इस पर शिवसेना नेता मनीषा कायंदे की महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया सामने आई है।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी न तो किसी नियम या कानून का सम्मान करते हैं, न ही वह देश की संस्थाओं या किसी राष्ट्रीय एजेंसी का सम्मान करते हैं। वह वीर सावरकर का भी सम्मान नहीं करते। अब सवाल उठता है कि क्या उन्हें देश से जरा भी प्रेम या लगाव है?"
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की ओर से पहलगाम हमले पर की गई टिप्पणी पर मनीषा कायंदे ने कहा कि पीड़ितों के परिजनों ने खुद मीडिया और सरकार को बताया है कि उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया और उनके धर्म के बारे में पूछताछ की गई। इसलिए, उनका बयान मूर्खतापूर्ण है। इंडिया गठबंधन के नेताओं की सोच अब उजागर हो चुकी है।
एनसीपी-एससीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन संबंधी बयान पर शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा कि लगातार हिंदुत्व को बदनाम करना, हिंदुओं को निशाना बनाना और मुसलमानों का तुष्टिकरण करना, जितेंद्र आव्हाड का एजेंडा रहा है। उन्होंने बार-बार देश की पूरी न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस व्यवस्था के प्रति अविश्वास दिखाया है और केवल अपने स्वार्थ के लिए देश में अशांति पैदा की है। उन्होंने हमेशा यही किया है।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जितेंद्र आव्हाड के सनातन को लेकर दिए विवादित बयान को सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया है।
उन्होंने कहा कि जितेंद्र आव्हाड केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुने जाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। अगर वह ऐसे बयान नहीं देते हैं, तो उन्हें चुना नहीं जाएगा। वे जानबूझकर ऐसे बयान देते हैं, जिससे मीडिया की सुर्खियों में बने रहें। अगर आप इस तरह से बार-बार आलोचना करते रहेंगे, तो सनातन धर्म के लोग भी चुप नहीं बैठेंगे।