क्या सुनील जाखड़ ने पार्षदों पर दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- सुनील जाखड़ ने पार्षदों के मामलों को रद्द करने की मांग की।
- उन्होंने नगर निगम मेयर के रवैये पर सवाल उठाए।
- जाखड़ ने आम आदमी पार्टी की सरकार को अहंकारी बताया।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की जांच की जाएगी।
- स्थानीय नेतृत्व से लैंड पूलिंग योजना पर जवाब मांगा गया।
लुधियाना, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोमवार को लुधियाना के नगर निगम कार्यालय में भाजपा के पार्षदों के धरने में भाग लिया। उन्होंने नगर निगम के मेयर के व्यवहार पर सवाल उठाए और राज्य सरकार पर तीखा आक्रमण किया।
जाखड़ ने कहा कि नगर निगम के पार्षद जनता के हित में कार्यरत हैं। यदि वे अपने दायित्वों का पालन नहीं कर सकते, तो जनता उचित जवाब देगी। उन्होंने पार्षदों पर दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग की। जाखड़ ने स्पष्ट किया कि वे नगर निगम के मेयर से माफी नहीं मांगना चाहते, लेकिन वे जनता के प्रति जवाबदेह हैं और इस मुद्दे का समाधान माफी मांगने से हो सकता है।
एक प्रेस वार्ता में, उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि यह अहंकारी है। उन्होंने कहा कि पार्षद नगर निगम के मेयर से जनता के कामों पर चर्चा करने गए थे, लेकिन मेयर का सख्त रवैया और पार्षदों के साथ तालमेल की कमी यह दर्शाती है कि उनकी नीयत में खोट है। मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं कि भ्रष्टाचार कैंसर है, लेकिन उनकी सरकार में उसी की दुर्गंध फैली हुई है। लोकतंत्र में अहंकार का कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम का मेयर कार्य करने के लिए तैयार नहीं है तो उन्हें इसका जवाब देना होगा। इसके साथ ही, उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के धन की भी जांच कराने की बात कही। जाखड़ ने बताया कि भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही केंद्र के नेतृत्व में इस मामले की जांच करवाएगा।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने लैंड पूलिंग योजना पर भी सवाल उठाए और कहा कि स्थानीय नेतृत्व को इसका जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि शहर की सीवरेज व्यवस्था और सड़कों की स्थिति अत्यंत खराब है, जिस पर ध्यान देना आवश्यक है और उन्हें अपने साथियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने इस धरने को अकाली दल और कांग्रेस के समर्थन और अकाली दल और भाजपा के गठबंधन पर बात करते हुए कहा कि यदि अच्छे काम होते हैं, तो उस पर चर्चा होनी चाहिए।