क्या राहुल के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब है 7 दिन में हलफनामा देने का?

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क्या राहुल के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब है 7 दिन में हलफनामा देने का?

सारांश

राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि यदि 7 दिन में हलफनामा नहीं दिया गया, तो देश से माफी मांगनी होगी। उनकी बातों पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि इससे लोकतंत्र की नींव मजबूत होती है।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी के आरोपों का मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया स्पष्ट जवाब।
  • 7 दिन में हलफनामा ना देने पर माफी की मांग होगी।
  • चुनाव आयोग ने मतदाता की छवि को बचाने का किया प्रयास।
  • महाराष्ट्र चुनावों में गड़बड़ी की बातों का उठाया मुद्दा।
  • दोषारोपण के लिए साक्ष्य की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों का मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 7 दिन के भीतर हलफनामा देना होगा, अन्यथा देश से माफी मांगनी पड़ेगी।

ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "भारत में विश्व की सबसे बड़ी मतदाता सूची, चुनाव कर्मियों की सबसे बड़ी संख्या और सबसे अधिक मतदान करने वाले लोग हैं। इसके बावजूद यह कहना कि यदि किसी का नाम मतदाता सूची में दो बार है, तो उसने दो बार मतदान किया, यह हमारी मतदाता की छवि को धूमिल करना है। हमारे मतदाताओं को अपराधी मानना और आयोग का चुप रहना संभव नहीं है। हलफनामा देना अनिवार्य है या फिर देश से माफी मांगनी होगी। यदि 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला, तो ये सभी आरोप बेबुनियाद माने जाएंगे। जो लोग हमारे मतदाताओं के बारे में ऐसा कहते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"

उन्होंने महाराष्ट्र के वोटरों का जिक्र करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट बढ़ी है। जब समय था, तब दावे और आपत्तियां क्यों नहीं दी गईं? जब परिणाम आ गए, तब यह याद आया कि यह गलत था। एक भी मतदाता का नाम, सबूत के साथ, महाराष्ट्र के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को नहीं मिला। महाराष्ट्र में चुनाव को आठ महीने हो चुके हैं। इसके बावजूद उच्चतम न्यायालय में चुनावी याचिका क्यों नहीं दायर की गई?" इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि अंतिम क्षण में इतना मतदान कैसे हुआ, इसका जवाब आयोग ने दिया है। सच

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग 75 वर्षों से पूरी मेहनत से काम कर रहा है। यदि आप मतदाता सूची और मतदान को जोड़कर आयोग पर निराधार आरोप लगाएंगे, तो यह गलत होगा। जनता सब समझती है। यदि किसी व्यक्ति के दो जगह वोट हैं, तो वह एक ही जगह वोट डालता है। दो जगह वोट डालना कानूनी अपराध है और यदि कोई ऐसा कहता है, तो उसे सबूत देना चाहिए।"

Point of View

यह कहना उचित है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी आरोपों की जांच जरूरी है। आयोग और नेताओं दोनों को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप सही हैं?
यह आरोपों की सच्चाई पर निर्भर करता है। आयोग ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और इसे साबित करने के लिए सबूत मांग रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त का क्या कहना है?
उन्होंने कहा है कि यदि 7 दिन में हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया गया, तो आरोप बेबुनियाद माने जाएंगे।