क्या राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा पर त्रिवेंद्र सिंह रावत का तंज सही है?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा शुरू की।
- भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके बयानों पर सवाल उठाए।
- फर्जी मतदान को रोकने के उपायों की आवश्यकता है।
- उत्तराखंड में आपदाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है।
- विकास कार्यों को संतुलित ढंग से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एसआईआर के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की है। इस पर सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि वे मुंबई में वोट जोड़ने का विरोध करते हैं और बिहार में वोट काटने का विरोध कर रहे हैं, जो कि विरोधाभासी है।
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी एक ओर कहते हैं कि मुंबई में 'फर्जी' वोट के चलते भाजपा जीत गई और दूसरी ओर चुनाव आयोग ऐसे वोटरों को हटाने का विरोध कर रहे हैं। यह आपस में विरोधाभासी है। जब किसी का तबादला होता है, तो मतदाता दोहराव को रोकने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। एक स्थान पर प्रति व्यक्ति एक वोट सुनिश्चित करना फर्जी मतदान को रोकने का एक प्रयास है।
भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी कहा था कि बांग्लादेश जैसे हालात न हों, इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी पक्ष या विपक्ष के साथ नहीं हैं और राहुल गांधी को हलफनामा दाखिल करना चाहिए या फिर देश से माफी मांगनी चाहिए।
उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने की घटना को लेकर भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ग्लेशियर धीरे-धीरे सिकुड़ रहे हैं और उनका क्षेत्रफल घट रहा है। इसके कारण भारी बारिश से मिट्टी और चट्टानें ढलानों से नीचे खिसकती हैं, जिससे ऐसी आपदाएं आती हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विकास कार्य रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसे व्यवस्थित तरीके से किया जाना चाहिए। भूमि की भार वहन क्षमता को ध्यान में रखकर हम ऐसी आपदाओं को रोक सकते हैं।