क्या राहुल गांधी को भारत के लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है?

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क्या राहुल गांधी को भारत के लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है?

सारांश

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने राहुल गांधी के जर्मनी दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें भारत के लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। इस पर चर्चा में उनके संसद में शामिल न होने और फासीवादी मानसिकता का जिक्र किया गया है। साथ ही दीपावली के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी का जर्मनी दौरा भारत के लोकतंत्र पर प्रश्न उठाता है।
  • प्रवीण खंडेलवाल ने उनकी फासीवादी मानसिकता का जिक्र किया।
  • दीपावली को यूनेस्को द्वारा मान्यता मिलना भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देता है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के जर्मनी दौरे पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने हमला बोलते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को भारत के लोकतंत्र पर कोई विश्वास नहीं है।

नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा सांसद ने कहा कि वह सदन में होने वाली चर्चाओं में शायद ही कभी शामिल होते हैं, और जब वह बोलते हैं, तो बेतुकी बातें करते हैं। अब वह विदेश जा रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि उन्हें भारत के लोकतंत्र पर कोई भरोसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भले ही विपक्ष के नेता हैं, लेकिन संसद में खड़े होकर अधिकारियों को धमकाना एक फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है, जो कांग्रेस की पहचान है। देश की जनता ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया है।

भाजपा सांसद ने कहा कि लगातार चुनाव हारने वाले राहुल गांधी को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है, लेकिन अगर वे झूठे आरोप लगाकर अधिकारियों को धमकाएंगे तो देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

यूनेस्को द्वारा दीपावली को वैश्विक मान्यता देते हुए अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किए जाने पर प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं है। यह भारत की शाश्वत भावना की एक चमकती हुई याद दिलाती है, जहां रोशनी निराशा पर विजय प्राप्त करती है और अच्छाई हर कदम पर मार्गदर्शन करती है। जैसे-जैसे दीपावली को विश्व स्तर पर पहचान मिल रही है, यह भारत की सांस्कृतिक गहराई और सद्भाव के संदेश के प्रति बढ़ती प्रशंसा को दर्शाता है। भगवान श्रीराम की शिक्षाएं मानवता को साहस, करुणा और सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।

उन्होंने बताया कि बुधवार को फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में कई राज्यों के व्यापार नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। हमने छोटे व्यापारियों के लिए जीवन को सरल बनाने, क्रेडिट तक पहुंच बेहतर बनाने, सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने, स्थानीय बाजारों में डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देने और आधुनिक खुदरा के साथ-साथ किराना स्टोर के हितों की रक्षा करने के बारे में चर्चा की।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीति में विश्वास की कमी और संवाद का अभाव समस्याओं को जन्म देता है। हमें एक सशक्त लोकतंत्र के लिए स्वस्थ बातचीत की आवश्यकता है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी के जर्मनी दौरे का क्या महत्व है?
राहुल गांधी का जर्मनी दौरा उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और भारत के लोकतंत्र में विश्वास की कमी को दर्शाता है।
प्रवीण खंडेलवाल ने क्या आलोचना की?
प्रवीण खंडेलवाल ने राहुल गांधी को विदेश जाने पर आलोचना की और कहा कि यह उनके लोकतंत्र पर विश्वास की कमी को दर्शाता है।
दीपावली की यूनेस्को मान्यता का क्या अर्थ है?
यूनेस्को द्वारा दीपावली को मान्यता देना भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को दर्शाता है।
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