क्या भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है? : राहुल गांधी

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने ट्रंप के युद्ध रोकने के दावे पर सवाल उठाए।
- सरकार को अपनी विदेश नीति में सुधार की आवश्यकता है।
- चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ एक गंभीर चुनौती है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर की घोषणा के दावे पर सरकार से सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने 29 बार कहा है कि 'हमने युद्ध रुकवाया'। यदि प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो सदन में यह कहकर दिखाएं कि ट्रंप असत्य बोल रहे हैं।
लोकसभा में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार कहा कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर हिम्मत है तो प्रधानमंत्री को यहां यह कह देना चाहिए कि वे झूठ बोल रहे हैं। अगर इंदिरा गांधी की 50 प्रतिशत हिम्मत भी होती, तो वे यह कह देतीं।"
राहुल ने आगे कहा, "एक नया शब्द प्रचलित हो गया है- न्यू नॉर्मल। विदेश मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सभी इस्लामिक देशों ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम हमले के बाद किसी भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की। सभी ने केवल आतंकवाद की निंदा की।"
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, "सरकार ने गलती की है। हमारी किसी से लड़ाई हुई है और हम उससे कहें कि 'भैया अब ठीक है, हम लड़ाई नहीं चाहते'। गलती सेना की नहीं, बल्कि सरकार की थी।"
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीडीएस अनिल चौहान ने गलती मानी। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड आसिम मुनीर है। वह ट्रंप के साथ लंच कर रहा था। ट्रंप ने कहा कि मैं युद्ध में नहीं जाने के लिए धन्यवाद कहना चाहता था। यह न्यू नॉर्मल है। एक और न्यू नॉर्मल है कि कोई भी आतंकी घटना एक्ट ऑफ वॉर मानी जाएगी। मतलब आपने पूरी की पूरी ताकत आतंकियों को दे दी। भारतीय विदेश नीति के लिए बड़ी चुनौती चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ है। मेरी बात समझ गए होते तो जहाज नहीं गिरते। यह समझ रहे थे कि यह लड़ाई पाकिस्तान से है। जल्दी समझ आ गया कि यह लड़ाई पाकिस्तान और चीन के साथ है।