क्या राहुल की 'वोट अधिकार यात्रा' में राजद और वामपंथी दल के नेता भी शामिल होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' 17 अगस्त से शुरू होगी।
- राजद और वामपंथी दलों के नेता भी शामिल होंगे।
- यह यात्रा बिहार के 23 जिलों से गुजरेगी।
- यात्रा का अंत पटना के गांधी मैदान में होगा।
- मतदाता के अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा।
पटना, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 17 अगस्त से चुनावी राज्य बिहार में अपनी यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस अभियान का नाम 'वोट अधिकार यात्रा' रखा है। यह यात्रा रोहतास जिले के सासाराम शहर से शुरू होगी। कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने जानकारी दी कि इस यात्रा में सहयोगी दल राजद और वामपंथी दलों के नेता भी शामिल होंगे।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह यात्रा 17 अगस्त से शुरू होकर 1 सितंबर को समाप्त होगी। यह यात्रा वोटों के अधिकार की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है। देश ने देखा है कि किस प्रकार भाजपा और चुनाव आयोग का गठजोड़ काम कर रहा है। जिंदा व्यक्तियों को मृत बताकर वोटर लिस्ट से नाम काटा गया है।
भाजपा द्वारा इस यात्रा को बांग्लादेशी घुसपैठिया बचाओ यात्रा कहे जाने पर अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाजपा और क्या कहेगी? उनकी और चुनाव आयोग की धोखाधड़ी पकड़ी गई है, इसलिए उन्हें यही कहना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पानी और खून एक साथ नहीं बहने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी ने उन्हें रोका है? उन्होंने खुद ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने सरेंडर किया।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी की यह यात्रा 17 अगस्त से रोहतास जिले के सासाराम से शुरू होकर बिहार के 23 जिलों से गुजरेगी। इसमें कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार में गठबंधन के सभी छह घटक दलों के नेता शामिल होंगे।
यात्रा का कार्यक्रम इस प्रकार है: रोहतास से शुरू होकर 18 अगस्त को औरंगाबाद, 19 अगस्त को गयाजी और नवादा, 20 अगस्त को विश्राम, 21 अगस्त को लखीसराय-शेखपुरा, 22 अगस्त को मुंगेर और भागलपुर, 23 अगस्त को कटिहार, 24 अगस्त को पूर्णिया और अररिया पहुंचेगी।
'इंडिया' ब्लॉक के नेता 25 अगस्त को विश्राम लेंगे और 26 अगस्त को सुपौल से यात्रा फिर से शुरू करेंगे। वे 27 अगस्त को दरभंगा और मुजफ्फरपुर, 28 अगस्त को सीतामढ़ी और मोतिहारी, 29 अगस्त को बेतिया, गोपालगंज और सीवान, और 30 अगस्त को छपरा और आरा पहुंचेंगे। 31 अगस्त को फिर से विश्राम होगा और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ इसका समापन होगा।