क्या राजस्थान के अंता उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन ने बढ़त बनाई?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने अंता उपचुनाव में बढ़त बनाई।
- प्रमोद जैन 'भाया' ने मोरपाल सुमन को 14,057 वोटों से पीछे छोड़ा।
- मतगणना में 17 राउंड हुए हैं।
- अशोक गहलोत ने जीत पर खुशी जताई।
- यह सीट कंवर लाल मीणा की अयोग्यता के कारण खाली हुई थी।
जयपुर, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। बारां जिले के अंतर्गत आने वाली अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है।
अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह 8 बजे मतगणना का कार्य आरंभ हुआ। 20 में से अब तक 17 राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन 'भाया' ने एक अहम बढ़त बनाई है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मोरपाल सुमन को 14,057 वोटों से पीछे छोड़ दिया है।
कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन 'भाया' को 17वें राउंड तक 63,381 वोट प्राप्त हुए, जबकि भाजपा के मोरपाल सुमन 49,324 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा 45,138 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है और पटाखे फोड़े गए हैं। मतगणना शुरू होने से पहले, कांग्रेस प्रत्याशी अपनी पत्नी के साथ एक गौशाला गए और अपनी जीत का विश्वास जताते हुए सेवा की।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रुझानों में कांग्रेस की जीत पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "अंता उपचुनाव में कांग्रेस को विजय दिलाने के लिए मैं सभी मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और नवनिर्वाचित विधायक प्रमोद जैन भाया को हार्दिक बधाई देता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "अंता की जीत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में आमजन का विश्वास एक बार फिर मजबूत किया है। भाजपा सरकार पिछले दो साल की अपनी कोई ठोस उपलब्धि बताने में नाकाम रही है। हमारी लोकप्रिय जनहितकारी योजनाओं को कमजोर करने के कारण आम आदमी बेहद परेशान है और यह परिणाम कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व में चलाई गई योजनाओं पर जनता की मुहर है।"
अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि इस परिणाम से यह स्पष्ट होता है कि मात्र दो साल में ही सरकार पर एंटी-इंकंबेंसी हावी हो गई है और यह सरकार अपने लिटमस टेस्ट में फेल साबित हुई है।
ज्ञात हो कि यह सीट विधायक (भाजपा) कंवर लाल मीणा को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण खाली हुई थी।