क्या कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भाजपा पर पलटवार किया?
सारांश
Key Takeaways
- राजीव शुक्ला ने भाजपा पर पलटवार किया।
- राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए।
- इंडिगो संकट पर स्थिति में सुधार की उम्मीद।
- संसद में वंदे मातरम पर चर्चा महत्वपूर्ण रही।
- राजनीतिक संवाद का स्वस्थ होना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अनुपस्थित रहे। इस संबंध में भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि आत्मग्लानि के कारण नेता चर्चा से दूर रहे। इस पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि यह ज़रूरी नहीं है कि पीएम मोदी के भाषण के दौरान राहुल गांधी मौजूद रहें।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब कोई भाषण दे रहा है, तो यह आवश्यक नहीं है कि सभी लोग वहाँ उपस्थित रहें। जब राहुल गांधी बोलते हैं, तो कई बार प्रधानमंत्री भी अनुपस्थित रहते हैं। ऐसे में भाजपा नेताओं से यह सवाल पूछा जा सकता है कि वे अपने ही नियम क्यों चुनिंदा तरीके से लागू करते हैं?
दूसरी ओर, इंडिगो संकट पर राजीव शुक्ला ने कहा कि एयरलाइंस के साथ कुछ समस्याएँ हैं और प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार की है। वे इस समस्या को हल करने का प्रयास कर रहे हैं और कहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति बेहतर होगी। संबंधित मंत्री ने भी उत्तर दिया और कहा कि वे और एयरलाइंस लाएंगे। उन्होंने कहा कि सदन में भी इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर दबाव बनाया है।
उन्होंने भाजपा सांसद कंगना रनौत से जुड़े एक बयान पर कहा कि अगर कंगना रनौत पार्लियामेंट्री बिल के बारे में कुछ कह रही हैं, तो मुझे उसका उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है।
ज्ञातव्य है कि लोकसभा में वंदे मातरम पर पीएम मोदी ने संबोधन दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी वहाँ उपस्थित नहीं थे, जिस पर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि जिस समय संसद में वंदे मातरम पर इतनी महत्वपूर्ण चर्चा चल रही थी, उस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सदन में मौजूद नहीं थे, क्योंकि उनके हृदय में किए गए विश्वासघात के लिए अपराधबोध था। उन्हें पता था कि वे इस विषय पर सदन में उपस्थित होकर सामना नहीं कर पाएंगे।
भाजपा सांसद ने कहा कि सदन में सभी ने प्रधानमंत्री का वह ऐतिहासिक भाषण सुना, जिसमें उन्होंने वंदे मातरम को न केवल एक गीत बताया, बल्कि स्वाधीनता संग्राम की सबसे शक्तिशाली भावना भी कहा। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने कैसे इस राष्ट्र-नारे के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने सही कहा कि यही तुष्टिकरण की नीति थी, जिसने देश के विभाजन के बीज बोए। अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस ने राष्ट्र-नारे का अपमान किया। आज जब पूरा देश वंदे मातरम के 150 वर्ष मना रहा है, तब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपने पूर्वजों द्वारा किए गए इस धोखे की ग्लानि ने सदन में आने से रोक दिया।