क्या 2025 रक्षा मंत्रालय के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा?

Click to start listening
क्या 2025 रक्षा मंत्रालय के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा?

सारांश

2025 ने भारत के रक्षा मंत्रालय को आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दीं, तथा आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने का संकेत दिया। जानें इस वर्ष की प्रमुख घटनाएँ और अनुबंध।

Key Takeaways

  • रक्षा मंत्रालय ने 3.84 लाख करोड़ रुपये के अधिग्रहणों को मंजूरी दी।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
  • रक्षा उत्पादन में 18% की वृद्धि हुई।
  • मिशन सुदर्शन चक्र से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 रक्षा मंत्रालय के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक वर्ष साबित हुआ। इसे ‘सुधारों का वर्ष’ कहा गया है, जो न केवल रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में अद्वितीय प्रगति का प्रतीक है, बल्कि भारत की सशस्त्र सेनाओं की पराक्रम, प्रतिबद्धता और अद्वितीय समन्वय का भी गवाह है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान और पीओके में फैले आतंकवादी ढांचे को नष्ट कर दिया। इसने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता पर चुनौती का स्पष्ट उत्तर दिया।

6-7 मई 2025 की रात शुरू हुआ यह ऑपरेशन, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की प्रतिक्रिया था, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने अत्यंत सटीकता से पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया और 100 से अधिक आतंकियों, उनके प्रशिक्षकों और सहयोगियों का सफाया किया।

रक्षा मंत्री ने संसद में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर रुका नहीं है, यदि पाकिस्तान फिर से कोई कुटिल हरकत करता है तो प्रतिक्रिया और भी प्रचंड होगी। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से अपने संबोधन में इसे भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।

उन्होंने स्वदेशी जेट इंजन के विकास की अपील करते हुए मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की। यह मिशन शत्रु की घुसपैठ को निष्प्रभावी करने और भारत की आक्रामक क्षमताओं को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष से 18 प्रतिशत अधिक है। इसमें डिफेंस पीएसयू का योगदान 77 प्रतिशत और निजी क्षेत्र का योगदान 23 प्रतिशत रहा। 2029 तक इसे 3 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है।

वहीं, रक्षा निर्यात भी बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

17 अक्टूबर 2025 को रक्षा मंत्री ने एचएएल के नासिक परिसर में एलसीए एमके 1ए की तीसरी और एचटीटी -40 की दूसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन किया। जनवरी से दिसंबर 2025 तक रक्षा मंत्रालय की डीएसी ने 3.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहणों को मंजूरी दी।

इन अधिग्रहणों में आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें आदि शामिल हैं। इस वर्ष कई बड़े अनुबंध भी हुए हैं।

भारत ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट की। भारतीय बलों ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में सहभागिता की।

2025 ने भारत को एक सुरक्षित, तकनीकी रूप से उन्नत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में निर्णायक उपलब्धियाँ प्रदान कीं।

Point of View

भारत ने 2025 में रक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो न केवल देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण हैं। यह एक ऐसा समय है जब भारत की रक्षा क्षमताएँ वैश्विक मानचित्र पर उभर रही हैं।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक सैन्य अभियान है, जो पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाता है।
भारत का रक्षा उत्पादन 2024-25 में कितना रहा?
भारत का रक्षा उत्पादन 2024-25 में 1.51 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया।
मिशन सुदर्शन चक्र का क्या महत्व है?
मिशन सुदर्शन चक्र शत्रु की घुसपैठ को रोकने और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है।
Nation Press