क्या वायरल हो रहा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पत्र फर्जी है?
सारांश
Key Takeaways
- फर्जी पत्र का प्रसार रोकें।
- सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें।
- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सतर्क रहें।
- संदिग्ध दस्तावेजों की रिपोर्ट करें।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने सोशल मीडिया पर फैल रहे एक पत्र को फर्जी घोषित किया है। इस पत्र में यह दावा किया गया था कि इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह को लिखा है, लेकिन पीआईबी ने स्पष्ट किया है कि यह पत्र असत्य है।
यह फर्जी पत्र तेजी से सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा था, जिसमें कहा गया था कि रक्षा मंत्री ने भारतीय वायु सेना की संवेदनशील रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर चिंता जताई है।
पीआईबी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर चेतावनी देते हुए लिखा है कि इस पत्र का संबंध रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बीच एक सेंसिटिव असेसमेंट के पब्लिक डिस्क्लोजर से है, जो कि पूरी तरह फर्जी है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिना जांच किए हुए दस्तावेज़ साझा न करें। विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में गलत जानकारी फैलाना खतरनाक हो सकता है। असत्य सूचना से बचें और सही जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। यदि कोई संदिग्ध दस्तावेज मिले, तो उसे पीआईबी फैक्ट चेक को भेजें।
यह फर्जी पत्र २२ नवंबर की तारीख वाला था और इस पर 'पर्सनल कॉन्फिडेंशियल' लिखा गया था। ऐसा दिखाने की कोशिश की गई थी कि रक्षा विभाग के भीतर कोई असहमति या चिंता है, लेकिन पीआईबी ने इसे पूरी तरह से गलत बताया।
पीआईबी ने कहा कि ऐसी कोशिशें जनता को भ्रमित करने और देश की सेनाओं के खिलाफ गलत धारणा बनाने के लिए की जाती हैं। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी जानकारी को आगे बढ़ाने से पहले उसकी पुष्टि करें।
पीआईबी ने पहले भी कई मामलों में फर्जी होने की चेतावनी दी है। हाल ही में, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे एआई द्वारा बनाया गया था। पीआईबी ने फैक्ट चेक में इसे भी फर्जी बताया था। पीआईबी ने स्पष्ट किया कि यह वीडियो पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा खातों द्वारा फैलाया गया था।